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Business idea: गांव के स्वाद को शहरों तक पहुंचाने का सपना

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Business idea: भारत के दूर-दराज के गांवों में रहने वाले युवाओं का सपना अक्सर शहर में जाकर पैसे कमाने का होता है, लेकिन शहरों में गांव का पारंपरिक स्वाद नहीं मिलता। कुछ इसी तरह का अनुभव हुआ आलोक रंजन को, जो बिहार के चंपारण से दिल्ली आए थे।

यहां आने के बाद उन्होंने महसूस किया कि शहर में लिट्टी-चोखा, चंपारण मटन और दाल-भात-भुजिया जैसे बिहारी व्यंजनों की कमी है। इसी कमी को पूरा करने के उद्देश्य से उन्होंने अपने मल्टीब्रांड फूड स्टार्टअप ‘गांव’ की शुरुआत की, जिसका मकसद शहरों में गांव के पारंपरिक स्वाद को लाना था।

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शार्क टैंक इंडिया में गांवकी एंट्री

आलोक रंजन ने शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 के मंच पर अपने स्टार्टअप ‘गांव’ को पेश किया। उनका यह स्टार्टअप दिल्ली-एनसीआर में बिहारी, अवधी और राजस्थानी खाने का स्वाद लोगों तक पहुंचा रहा है। फिलहाल, ‘गांव’ के तहत चार प्रमुख ब्रांड संचालित हो रहे हैं:

  1. गांव – बिहारी खाना
  2. चंपारण – चंपारण का फेमस मटन
  3. तिरहुट – स्नैक्स
  4. दुमारा – बिरयानी

आलोक ने बताया कि उन्होंने 2011 में 9.5 लाख की राशि लगाकर ‘गांव’ नाम से रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी, लेकिन कोविड-19 के कारण बिजनेस प्रभावित हो गया। इसके बाद उन्होंने क्लाउड किचन मॉडल अपनाया, जिससे कंपनी ने शानदार सफलता पाई।

गांवस्टार्टअप की आर्थिक वृद्धि

आलोक का बिजनेस लगातार बढ़ रहा है। 2020-21 में ‘गांव’ ने 90 लाख का कारोबार किया, जो 2021-22 में बढ़कर 1.62 करोड़ तक पहुंच गया। 2022-23 में यह आंकड़ा 3.86 करोड़ हो गया, जबकि 2023-24 में कंपनी ने 5.5 करोड़ की कमाई की। इस साल अब तक ₹3.08 करोड़ का कारोबार हो चुका है, और साल के अंत तक 7.5 करोड़ कमाने का अनुमान है।

शार्क टैंक इंडिया में मिली 80 लाख की फंडिंग

आलोक रंजन ने अपने स्टार्टअप के 4% इक्विटी के बदले 80 लाख की फंडिंग मांगी। शुरुआत में अमन गुप्ता और पीयूष बंसल इस डील से बाहर हो गए, लेकिन फिर विनीता सिंह ने 4% इक्विटी के बदले 40 लाख और 3 साल के लिए 10% ब्याज दर पर 40 लाख का कर्ज देने का ऑफर दिया। नमिता थापर ने भी यही ऑफर दिया, लेकिन ब्याज दर 9% रखी।

इसके बाद अनुपम मित्तल ने 7% इक्विटी के बदले 80 लाख का ऑफर दिया। अंततः विनीता और अनुपम ने मिलकर 8% इक्विटी के बदले 80 लाख की फंडिंग डील की।

ग्रामीण स्वादों का बढ़ता बाजार

आलोक रंजन का ‘गांव’ स्टार्टअप सिर्फ एक बिजनेस नहीं, बल्कि एक विचार है जो ग्रामीण स्वादों को शहरी लोगों तक पहुंचा रहा है। शार्क टैंक इंडिया में मिली फंडिंग उनकी मेहनत और दृष्टिकोण की पहचान है। उनका यह सफर बताता है कि सही विचार, मेहनत और धैर्य से कोई भी मुश्किल को पार कर सफलता प्राप्त कर सकता है।

‘गांव’ जैसे स्टार्टअप लोकल फ्लेवर को ग्लोबल बनाने का उदाहरण हैं और यह दर्शाते हैं कि पारंपरिक भारतीय भोजन को भी एक सफल बिजनेस मॉडल में बदला जा सकता है।

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