हाइलाइट्स
- एक दिन सोकर जगी तो पेेट में होने लगा तेज दर्द
- लता दीदी बिस्तर से उठ तक नहीं पा रहीं थी
- डॉक्टर ने बताया कि उन्हें जहर दिया जा रहा था
1962 में फिल्म बीस साल बाद (bees saal baad 1962) के लिए लता मंगेशकर (lata mangeshkar)को एक गाना गाना था। रिकार्डिंग की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी। हेमंत (hemant kumar) जी रिकार्डिंग की सभी तैयारी चेक कर चुके थे। लेकिन जिस दिन रिकार्डिंग तय थी, उस दिन सुबह कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को सकते में डाल दिया। लता मंगेशकर सुबह सोकर जगी तो पेट में दर्द होने लगा। उन्होने दवाई खायी। लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ने लगा, दर्द कम होने की बजाय और बढ़ने लगा। दोपहर तक लता मंगेशकर इस कदर कमजोर हो गई कि बैठ तक नहीं पाती। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। फैमिली डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया।
डॉक्टर ने एक्सरे आदि किया। रिपोर्ट जब आयी तो डॉक्टर परेशान। उन्होने कहा कि लता जी को खाने में स्लो प्वाइजन दिया जा रहा था। यह सुनकर लता मंगेशकर के परिवारवालों के होश उड़ गए।
कुक हुआ फरार
लता मंगेशकर को जैसे ही जहर देने का खुलासा हुआ घर पर मौजूद कुक फरार हो गया। उस समय किसी को पता भी नहीं चला कि उस कुक को किसने हायर किया था। कुक कौन था? कहां से आया था? इसके बारे में किसी को पता नहीं था। इस प्रकरण के बाद उषा मंगेशकर ने कहा कि वो अब प्रतिदिन दीदी का खाना बनाएंगी। ऐसा हुआ भी, लेकिन कुक के जरिए कौन लता मंगेशकर को जहर दे रहा था इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ। जहर देने की बात लता मंगेशकर ने भी एक बार इंटरव्यू में बताया था। लता जी को ठीक होने में तीन महीने लग गए। लता जी जब तक बीमार थी, हर रोज मजरूह सुल्तानपुरी उनका हालचाल लेने आते। मजरूह उन्हें कविता, गाने सुनाते। तीन महीने बाद जब लता जी ठीक हुई तो फिल्म बीस साल बाद के गाने कहीं दीप जले, कहीं दिल की रिकार्डिंग हुई। यह गाना सुपर हिट हुआ।
