रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग 2025
रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग 2025

ओशो अनुज स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी व अमृत प्रिया जी ने किया उपस्थित जन को संबोधित, करवाया ध्यान प्रयोग एवं दिये जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर

स्वामी जी की नई पुस्तक ॐ की महिमा : ओशो की दृष्टि में का हुआ विमोचन

दी यंगिस्तान, सिरसा (हरियाणा)

विगत रविवार की शाम सिरसा (हरियाणा) के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक समारोह का साक्षी बनी, जहाँ ओशो के स्थानीय संयासी बलदेव जी द्वारा रजनीश फ्रैग्रेंस के भव्य अध्यात्मिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया । इस सत्संग कार्यक्रम में आध्यात्मिक जगत के सितारे, गुरूओं के गुरु, ओशो के अनुज स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी व अमृत प्रिया जी ने उपस्थित जन को संबोधित किया व जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर दिये।

कार्यक्रम में लगभग 700 से अधिक जिज्ञासुओं ने भाग लिया। इस सभा में स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी और माँ अमृत प्रिया जी ने जिज्ञासुओं के सवालों के जवाब दिए, जिससे उपस्थित लोगों को जीवन संबंधी ज्ञान और आध्यात्मिक समझ में गहराई प्राप्त हुई।

रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग 2025
रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग 2025

इस अवसर पर, 55 मित्रों ने ओशो की नव संन्यास दीक्षा ग्रहण की, जो उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह सन्यास दीक्षा उन्हें आध्यात्मिक यात्रा में आगे बढ़ने और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने के लिए प्रेरित करेगी।

इस अध्यात्मिक सभा का वातावरण अत्यंत सकारात्मक और ऊर्जावान था, जिसमें उपस्थित लोगों ने अपने अनुभवों और भावनाओं को स्वामी जी व गुरु माँ से साझा किया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का आदान-प्रदान करने का एक मंच बना, बल्कि लोगों को एक-दूसरे से जुड़ने और अपने जीवन को समृद्ध बनाने का अवसर भी प्रदान कर गया ।

सिरसा रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग2025
सिरसा रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग2025

ओशो का जीवन दर्शन

स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी ने कहा कि ओशो का दर्शन, प्रेम, ध्यान और आत्म-ज्ञान पर आधारित है। उनका मानना है कि जीवन का उद्देश्य आत्म-ज्ञान प्राप्त करना है, जो हमें अपने वास्तविक स्वरूप को समझने में मदद करता है। ओशो ने प्रेम को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना है, जो हमें दूसरों के साथ जुड़ने और अपने जीवन को समृद्ध बनाने में मदद करता है। उनकी शिक्षाएं हमें अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने और आत्म-ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।

ध्यान की महत्ता

स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी ने कहा कि ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमें अपने मन को शांत करने में मदद करती है। यह हमें अपने विचारों और भावनाओं के साक्षी बनने में मदद करता है, जिससे हम अपने जीवन को अधिक सकारात्मक और संतुलित बना सकते हैं। ध्यान हमें आत्म-ज्ञान प्राप्त करने में भी मदद करता है, जो हमें अपने वास्तविक स्वरूप को जानने में सहयोगी है। नियमित ध्यान अभ्यास से हम अपने जीवन को अधिक आनंदित और संतुष्ट बना सकते हैं।

रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग 2025
रजनीश फ्रैग्रेंस आध्यात्मिक सत्संग 2025

प्रश्नोत्तरी के पश्चात उपस्थित जन को माँ अमृत प्रिया जी द्वारा करवाये गए दस मिनिट के छोटे से ध्यान प्रयोग में सभी डूबे। अंत में स्वामी जी की नई पुस्तक का विमोचन किया गया *ॐ की महिमा : ओशो की दृष्टि में*~अनेक मित्र बुक स्टाल से किताब खरीद कर ले गए। इसमें बी एस आर चैनल पर दिए सात इंटरव्यू संकलित हैं। सभी उपस्थित जन ने सिरसा के ओशो संयासी बलदेव जी का हृदय से धन्यवाद किया।

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