हाइलाइट्स

  • गीतकार अनजान ने एक से बढ़कर एक गीत लिखे, नहीं मिला फिल्मफेयर
  • बेटे समीर अनजान को पहली ही फिल्म के लिए मिला था फिल्मफेयर
  • अनजान नहीं चाहते थे कि समीर बने गीतकार

महान गीतकार अनजान (anjaan) ने बालीवुड में लंबा संघर्ष किया। इनका पूरा नाम लालजी पांडेय (lalji pandey) था। मूलरूप से बनारस (varanasi) के रहने वाले अनजान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत गोलकुडा का कैदी (golkunda ka qaidi film) फिल्म से की थी। 17 साल लंबा संघर्ष किया। 1969 में इनका लिखा बंधन फिल्म का गाना बिना बदरा के बिजुरिया कैसे चमके (Bina Badra Ke Bijuriya Kaise Chamke)…जबरदस्त लोकप्रिय हुआ। इसके बाद अनजान काे फिल्मों के ऑफर आने लगे। 70 के दशक में अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan) के लिए अनजान ने ढेर सारे गाने लिखे। जिसमें खइके पान बनारस वाला (khaike paan banaras wala) (डॉन), मानाे तो मैं गंगा मां हूं(mano to mai ganga maa hoon) (गंगा की सौगंध), ओ साथी रे (o’sathi re) (मुकद्दर का सिकंदर) सरीखे गाने शामिल है। अनजान के लिखे गाने काफी लोकप्रिय हुए लेकिन यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि उन्हेें फिल्म फेयर कभी नहीं मिला।

समीर को आशिकी के लिए मिला फिल्मफेयर

अनजान के बेटे समीर (sameer anjaan) काे पहली ही फिल्म आशिकी (aashiqui) के लिए गानों के लिए सन 1980 में फिल्म फेयर का अवार्ड मिला। समीर को जब यह अवार्ड लेने के लिए स्टेज पर बुलाया गया तो उन्होेने इसे अपने पिता को समर्पित करते हुए उन्हें भी मंच पर बुलाया। पिता अनजान भावुक हो गए। अनजान ने कहा कि उन्हेें सारी उम्र फिल्म फेयर नहीं मिला। बेटे को पहली ही फिल्म के लिए अवार्ड मिला। यह समीर के सफर की नहीं बल्कि अनजान के दूसरे सफर की शुरुआत है। बेटे की वजह से वर्षाें पुराना सपना पूरा हो पाया।

अनजान नहीं चाहते थे कि बेटा बालीवुड में आए

अनजान का फिल्मी करियर संघर्षों भरा था। इसलिए वो नहीं चाहते थे कि उनका बेटा समीर भी यहां आए। यही कारण है कि उन्होने समीर को एम.कॉम M.COM करवाया था, ताकि वो सीए बन सकें। बनारस में एमकॉम करने के बाद समीर ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (central bank of india) में नौकरी ज्वाइन कर ली लेकिन पहले ही दिन बैलेंस सीट नहीं मिली तो इसे छोड़ना ही बेहतर समझा। समीर ने बिना परिवार को बताए चुपचाप गीतकार बनने के लिए मुंबई की राह पकड़ ली। एक साल तक मुंबई में चॉल में रहे। साल भर बाद किसी काम से गांव जाना पड़ा तो एक 13 रुपये की शर्ट खरीदी। मां से समीर का हाल देखा नहीं गया, समीर काफी पतले हो गए थे। मां ने अनजान जी से सारी बात बताई। अनजान ने समीर को बुलाया और सबसे पहली बात जो कही वो यह थी। पूछा क्या तुमने कभी किसी से प्यार किया है। समीर ने कहा, हां। अनजान ने कहा-बालीवुड भी महबूबा की तरह है। गीतकार बनने से पहले यह जान लो कि यह तुम्हारे प्रति वफादार रहे या बेवफा, हर हालत में इसका साथ नहीं छोड़ना है।

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