राज्यवार एमएसएमई के पंजीकरण में महिला उद्यमियों की बढ़ती भागीदारी और सरकारी पहल
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
भारत में महिला उद्यमियों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न पहलों ने विशेष परिणाम दिखाए हैं। 01 जुलाई 2020 से लेकर 30 नवंबर 2024 तक, देश में महिला-स्वामित्व वाले कुल 2,20,73,675 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) पंजीकृत हो चुके हैं। इन एमएसएमई का पंजीकरण उद्यम पंजीकरण पोर्टल (यूआरपी) और उद्यम सहायता प्लेटफ़ॉर्म (यूएपी) पर हुआ है। खासतौर पर, गुजरात और राजस्थान राज्यों में महिला उद्यमियों का योगदान बढ़ा है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की परिभाषा में 01 जुलाई 2020 को संशोधन के बाद, महिला उद्यमियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में 2.2 करोड़ से अधिक महिला-स्वामित्व वाली एमएसएमई पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें गुजरात और राजस्थान के विभिन्न जिले शामिल हैं।
राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो:
- गुजरात: 30 नवंबर 2024 तक गुजरात में 9,12,052 महिला-स्वामित्व वाली एमएसएमई पंजीकृत हुई हैं, जो राज्य के कुल एमएसएमई का 28% हैं।
- राजस्थान: राजस्थान में 8,15,207 महिला-स्वामित्व वाली एमएसएमई पंजीकृत हैं, जो राज्य के कुल एमएसएमई का 25% हैं।
- वलसाड जिले: गुजरात के वलसाड जिले में महिला-स्वामित्व वाली 11,942 एमएसएमई पंजीकृत हैं, जो जिले के कुल एमएसएमई का 18.24% हैं।
- टोंक और सवाई माधोपुर जिले: राजस्थान के टोंक और सवाई माधोपुर जिलों में 7,803 महिला-स्वामित्व वाली एमएसएमई पंजीकृत हैं, जो इन जिलों के कुल एमएसएमई का 13% हैं।
सरकार ने महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं:
- महिला उद्यमियों के लिए विशेष अभियान
- 2018 में सार्वजनिक खरीद नीति में संशोधन, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों को 3% खरीद महिला उद्यमियों से अनिवार्य रूप से करनी है।
- ऋण गारंटी योजना: महिला उद्यमियों के लिए 90% गारंटी कवरेज।
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम: महिला उद्यमियों को गैर-कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर देना।
- ‘यशस्विनी अभियान’: महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए औपचारिकीकरण, ऋण क्षमता निर्माण, और योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना।
इन पहलों ने देशभर में महिला उद्यमियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है। एमएसएमई मंत्रालय ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास और वित्तीय समर्थन की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
राज्यवार महिला-स्वामित्व वाले एमएसएमई का प्रतिशत:
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: 27%
- आंध्र प्रदेश: 53%
- बिहार: 50%
- कर्नाटक: 45%
- तमिलनाडु: 43%
- पश्चिम बंगाल: 62%
- उत्तर प्रदेश: 33%
- गुजरात: 28%
- राजस्थान: 25%