जानिए ‘आंधियां‘ फिल्म के उस सीन का किस्सा जब देव बोले—”क्या मेरे दो हाथ नहीं हैं?
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Dev Anand: पचास के दशक में हिंदी सिनेमा के आकाश पर तीन महानायंक उभरे थे- राजकपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद। देव आनंद, राज और दिलीप से एकदम अलग छवि लेकर आए थे। वे मानी नायक के रूप में हिंदी फिल्मों के बेताज बादशाह बने और सालों-साल तक बने रहे।
उषाकिरण की पीढ़ी की नायिकाएं रिटायर हुई तो सुरैया, मधुबाला और वहीदा, साधना से होते हुए देव हेमा, मुमताज, जीनत, टीना मुनीम तक के हीरो बने। ऐसा इसलिए हो सका कि एक तो उनकी मुस्कान दिलों में उतर जाती थी और दूसरे लोग उनके अनोखे लहजे के दीवाने थे। अपनी अदाओं से ज्यादा देव आनंद स्वयं भी अपनी छवि के लिए जिम्मेदार रहे।
दरअसल हिंदी सिनेमा में स्टार सिस्टम को जन्म देने वालों में देव आनंद का नाम सबसे पहले लिया जाता है। देव ने न केवल अपनी लोकप्रियता का सही अंदाज लगाया वरन् अपनी क्षमताओं का ठीक-ठीक आकलन भी किया।

यही वजह थी कि देव आनंद ने ऐसे समय में निर्माताओं से अपना पारिश्रमिक और अपनी शर्तें मनवानी शुरू की जिन दिनों ज्यादातर कलाकार निर्माताओं से यह कहने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते थे कि ‘मैं तुम्हारी फिल्म में काम करने के इतने पैसे लूंगा।’
फिल्म ‘आधियां’ के सेट का मशहूर किस्सा है कि जब देव आनंद से निर्देशक ने कहा कि इस संवाद पर अख्तर हुसैन आपको थप्पड़ मारेंगे, तो देव आनंद अड़ गए, ‘सवाल ही पैदा नहीं होता। क्या मेरे दो हाथ नहीं है? मैं इसके हाथ नहीं पकड़ लूंगा?
अगर यह दृश्य आपकी फिल्म का जरूरी मोड़ है, तो यह मेरे कैरियर का भी मोड़ साबित होगा।
मेरे लाखों फैंस क्या सोचेंगे कि उनका हीरो मार खा गया और चुप रहा। यह नहीं होगा।‘
अपनी छवि के लिए देव की चिता से जाहिर है कि वे शुरू से एक लंबी पारी खेलने के लिए कटिबद्ध थे और यह उन्होंने कर भी दिखाया।
- Post Office RD: ₹500, ₹1000, ₹2000 या ₹5000 की मासिक बचत से कैसे बनें लखपति?
- 2025 Range Rover Sport review: V 8 रोड का बादशाह, शाही लुक और EV पावर
- Norton Superbike इंडिया के रास्ते पर! पीएम मोदी और UK PM Starmer की तस्वीर से मिले संकेत
- Apple iPhone Fold: डिजाइन, कीमत और लांच से जुड़ी जानकारियां हुई लीक!
- Renault Triber Facelift: आपकी फैमिली की पसंदीदा 7-सीटर MPV अब और भी स्मार्ट और सुरक्षित, ADAS और 6 एयरबैग्स के साथ!