डीयू के पूर्व तदर्थ शिक्षक समरवीर ने की खुदकुशी
बाहरी दिल्ली के रानी बाग इलाके में दिल्ली यूनिवर्सिटी के 33 वर्षीय तदर्थ शिक्षक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शिक्षक अपने घर में मृत पाए गए हैं। उन्हें हाल ही में हिंदू कॉलेज में नौकरी से निकाला गया था। मृत समरवीर मूल रूप से राजस्थान के बारां जिले के मोल्की गांव के रहने वाले थे। वहीं इस दुखद घटना से डीयू शिक्षक आक्रोशित है। एएडीटीए ने बयान जारी कर अपने पूर्ववर्ती तदर्थ शिक्षक साथी समरवीर के दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
एएडीटीए ने अपने बयान में कहा है कि समरवीर के एक संबंधी ने बताया कि वो हाल ही में हिंदू कॉलेज से अपनी नौकरी खोने के बाद मानसिक रूप से बहुत परेशान थे। उनके कॉलेज की साथी कार्यकारी परिषद के सदस्य सीमा दास ने इसे एक संवेदनशील और झकझोर देने वाली घटना बताया है।
एएडीटीए के अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि यह घटना बताती है कि किस तरह से एक तदर्थ शिक्षक विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं और बड़ी संख्या में तदर्थ शिक्षक मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। हमारी मांग है कि जो शिक्षक जहां तदर्थ के रूप में पढ़ा रहा है उसे वहीं पर स्थाई किया जाए।
हमने हमेशा ये कहा है कि आज तदर्थ और अस्थाई शिक्षको का जो भारी विस्थापन हो रहा है वो एक मानवीय संकट है। इस साल के जनवरी फरवरी में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री ने भी विश्विद्यालय प्रशासन को भी समायोजन की मांग करते हुए भारी विस्थापन पर अपनी चिंता बार बार दर्ज करवाई, पर प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।
दिवंगत समरवीर के दोस्त ने बताया कि समरवीर ने जब रविवार को उसको फोन किया तो वह बहुत परेशान लग रहा था। कॉलेज में तदर्थ शिक्षक की नौकरी से विस्थापित होने के बाद उसने अतिथि शिक्षक की नौकरी को स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि समरवीर ने उन्हें यह भी बताया कि उनकी मां को वह स्थायी नौकरी नहीं मिलने के बाद बहुत परेशान थी जिसकी वह उम्मीद कर रहे थे। उसने एक आंख की रोशनी खो दी है। वह यह स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि वह अब नहीं है।
आज एएडीटीए द्वारा आहूत स्मरवीर के आत्महत्या पर विवेकानंद मूर्ति पर शोक सह प्रतिरोध सभा में भारी संख्या में शिक्षको ने मोमबत्ती जलाकर अपनी पीड़ा और विरोध दर्ज करवाई।
हम सभी विस्थापित तदर्थ व अस्थयी शिक्षको के साथ एकजुट है और उनसे ऐसे किसी भी अतिनकारात्मक कदम न उठाने की अपील करते हैं। हम न्याय और अधिकार के लिए उनके संघर्ष में साथ है। समरवीर के श्रद्धांजलि में समायोजन के संघर्ष को और तेज करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
डीयू प्रशासन ने कहा—
डॉ. समरवीर के दुखद और असामयिक निधन पर दिल्ली विश्वविद्यालय अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है और इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के लिए प्रार्थना और सांत्वना व्यक्त करता। उस दर्द को कोई भी शब्द कम नहीं कर सकता, समूचे विश्वविद्यालय परिवार सहित सभी लोग उस दर्द को महसूस कर रहे हैं। हमारी संवेदनाएं दिवंगत आत्मा और उनके परिवार के साथ हैं और इस शोक की घड़ी में पीड़ित परिवार को ये दुख सहने की शक्ति और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम प्रार्थना करते हैं।
The University of Delhi pays it’s heartfelt condolences on the sad and untimely demise of Dr. Samarvir and sends out healing prayers and comfort to his family in this tough time. No words can ease the pain that is being felt by all, including us in the university fraternity. Our thoughts are with the departed soul and his family and we pray for strength and peace to them during this time of mourning.