हिंदू काल की दिल्ली: हिंदू काल की मानी जाने वाली दिल्लियां और स्मृति चिह्न (1193 ई० से पूर्व )

इंद्रप्रस्थ से पूर्व के नाम

स्मृतियां

1. निगमबोध : बेला रोड पर निगमबोध दरवाजे से बाहर।

2. राजघाट : बेला रोड पर दरियागंज के रास्ते लाल किले के दक्षिण में। 3. विद्यापुरा : चांदनी चौक में, कटरा नील जहां अब है, विश्वेश्वर महादेव का मंदिर।

4. बरमुरारी : जिसे अब बुराड़ी कहते हैं। दिल्ली से पांच मील के करीब किंग्सवे के रास्ते से होकर पूर्व दिशा में यमुना नदी के करीब ।

इंद्रप्रस्थ (पहली दिल्ली) का फैलाव जिसे महाराजा युधिष्ठिर ने अब से करीब 5100 वर्ष पूर्व बसाया, दक्षिण में बारहपुले तक, उत्तर में सलीमगढ़ और निगमबोध घाट तक पश्चिम में कोतवाली तक और पूर्व में यमुना नदी तक बताया जाता है।

स्मृतियां

1. नीली छतरी : यमुना के रेल के पुल को जाते हुए ऊपर की सड़क पर बाएं हाथ सलीमगढ़ के द्वार के सामने।

2. किलकारी भैरव मंदिर : पुराने किले के पीछे दिल्ली से ढाई मील।

3. दूधिया भैरव का मंदिर : पुराने किले के पीछे किलकारी भैरव से एक फलांग आगे।

4. बाल भैरव : जीतगढ़ पहाड़ी पर तीसहजारी होकर।

5. पुराना किला: दिल्ली से दो मील दिल्ली-मथुरा रोड पर बाएं हाथ।

6. योगमाया का मंदिर : कुतुब मीनार की लाट के पास दिल्ली से 12 मील के करीब दिल्ली-कुतुब रोड परी

7. कालका जी का मंदिर : कालका कालोनी के पास। दिल्ली से आठ मील के करीब दिल्ली-मथुरा रोड पर

8. हनुमान मंदिर निगमबोध घाट के बाहर ।

अनंगपुर अथवा अड़गपुर (दूसरी दिल्ली), जिसे महाराज अनंगपाल ने विक्रम संवत 740 के करीब, दिल्ली से करीब 15 मील दूर दिल्ली – मथुरा रोड पर बदरपुर से कुतुब को जाते हुए बाएं हाथ सूरजकुंड के रास्ते पर आबाद थी।

स्मृतियां

9. अड़गपुर या अनंगपुर: विक्रम संवत 733 के लगभग अड़गपुर गांव में बना। वहीं किला भी बना और नगर बसा।

10. सूरजकुंड (संवत 743) (686 ई.) में बदरपुर- कुतुब रोड पर कुतुब से कोई आठ मील बाएं हाथ एक सड़क पहाड़ में गई है।

11. अनंगताल : महरौली में योगमाया के मंदिर के उत्तर में राजा अनंगपाल द्वितीय ने बनाया। दिल्ली से 12 मील दूर दिल्ली-कुतुब रोड पर।

अनंगपाल और रायपिथौरा की दिल्ली (तीसरी दिल्ली), महाराज अनंगपाल ने, अनुमान है, 1052 ई. में बसाई। यहीं पृथ्वीराज ने 1170 से 1193 ई. तक राज्य किया। यह दिल्ली से 12 मील दूर महरौली में है।

स्मृतियां

12. लालकोट : महाराज अनंगपाल द्वितीय द्वारा 1060 ई. में निर्मित हुआ। अब इसका पता नहीं है। कुछ दीवारें हैं। 13. सत्ताइस मंदिर : सब तोड़ दिए गए। चौंसठ खंभा मौजूद है, जो कुतुब मीनार के पास है।

14. लोहे की कीली चतुर्थ शताब्दी की बनी हुई। 15. कुतुब की लाट : जिसका एक खंड पृथ्वीराज द्वारा निर्मित बताते हैं।

16. रायपिथौरा का किला : कुतुब के पास 1160 से 1186 ई. में बना बताते हैं। दिल्ली से 12 मील।

17. जैन पार्श्वनाथ मंदिर : महरौली में अशोक विहार के पास। 1132 ई. से पूर्व का।

18. बड़ी दादावाड़ी : गुड़गांव मार्ग पर लड्डासराय में कुतुब से करीब 1 मील (निर्माण 1166 ई.)।

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