राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और डिजिटल प्रशिक्षण जैसे प्रयासों से भारत सरकार मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बना रही है।
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
भारत सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनमें राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, टेली-मानस ऐप, और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य न केवल मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को व्यापक बनाना है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और कुशल पेशेवरों की संख्या में वृद्धि करना भी है।
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
भारत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर लंबे समय से चुनौतियां रही हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) के तहत सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञता के पीजी पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश को बढ़ाने के लिए 25 एक्सीलेंस सेंटरों को मंजूरी दी है।
इसके अलावा, 47 पीजी विभागों को मजबूत करने के लिए 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को भी वित्तीय और संरचनात्मक सहायता प्रदान की गई है। यह कदम तृतीयक देखभाल सुविधाओं को बेहतर बनाने और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि करने के लिए उठाया गया है।
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार
सरकार ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) को 767 जिलों में लागू किया है। इसके तहत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करते हुए, स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों, मनोवैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नर्सों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
डीएमएचपी के जरिए:
- जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो रही हैं।
- स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित पेशेवरों की मदद से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में शामिल करने के उद्देश्य से, सरकार ने 1.73 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में परिवर्तित किया है।
इन केंद्रों पर:
- मानसिक स्वास्थ्य, तंत्रिका संबंधी समस्याओं और पदार्थ उपयोग विकारों (MNS) का इलाज उपलब्ध है।
- हेल्थ वर्कर्स के लिए प्रशिक्षण मैनुअल और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
डिजिटल प्रशिक्षण के माध्यम से जनशक्ति का विकास
तीन केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों ने 42,488 पेशेवरों को डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान किया है। ये संस्थान हैं:
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु।
- लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, तेजपुर।
- केंद्रीय मनोरोग संस्थान, रांची।
डिजिटल प्रशिक्षण से न केवल वंचित क्षेत्रों में सेवाएं पहुंच रही हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या भी बढ़ रही है।
टेली-मानस: मानसिक स्वास्थ्य की डिजिटल क्रांति
भारत में डिजिटल तकनीक के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए 10 अक्टूबर 2022 को “राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम” शुरू किया गया।
अब तक की उपलब्धियां:
- 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 53 टेली मानस प्रकोष्ठ स्थापित।
- 22 नवंबर 2024 तक 15.95 लाख कॉल्स का समाधान।
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाया गया।
टेली-मानस मोबाइल ऐप: हर समय मदद के लिए तैयार
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर 2024) के अवसर पर टेली-मानस मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया। यह ऐप:
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सभी प्रकार के मुद्दों के समाधान में मदद करता है।
- एक व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है।
शिक्षा और पेशेवर विकास
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञता को प्रोत्साहित करने के लिए:
- 66 संस्थान एम.फिल. क्लिनिकल साइकोलॉजी पाठ्यक्रम चला रहे हैं।
- 2024-25 से बी.एससी. क्लिनिकल साइकोलॉजी (ऑनर्स) पाठ्यक्रम शुरू किया गया।
- 19 विश्वविद्यालयों को यह पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति दी गई।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और सरकारी योजनाओं का प्रभाव
भारत सरकार की ओर से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का बड़ा प्रभाव देखने को मिला है:
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच में सुधार हुआ है।
- मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित बजट में वृद्धि हुई है।
भविष्य की दिशा
भारत सरकार मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी तरह शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में:
- और अधिक टेली मानस प्रकोष्ठ स्थापित किए जाएंगे।
- उत्कृष्टता केंद्रों की संख्या में वृद्धि होगी।
- मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों पर जोर दिया जाएगा।
भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ, प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। टेली-मानस, डिजिटल प्रशिक्षण, और उत्कृष्टता केंद्र जैसी पहलों से देश के हर कोने में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। इन कदमों से मानसिक स्वास्थ्य पर न केवल जागरूकता बढ़ रही है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में भी सुधार हो रहा है।