देश में ट्रांसजेंडर की आबादी 4.87 लाख से अधिक, 24,015 को पहचान प्रमाण पत्र जारी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
भारत सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। ‘स्माइल’ योजना के तहत पुनर्वास, कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण जैसे कई प्रयास किए गए हैं। इस श्रेणी के तहत अब तक हजारों व्यक्तियों को पहचान प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण और आश्रय गृह की सुविधा प्रदान की गई है।
2011 की जनगणना के अनुसार, ‘अन्य’ श्रेणी में कुल 4.87 लाख लोग शामिल हैं। ‘अन्य’ श्रेणी में न केवल ट्रांसजेंडर व्यक्ति आते हैं, बल्कि वे लोग भी शामिल होते हैं जो इस श्रेणी में अपना लिंग दर्ज कराना चाहते हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए स्माइल योजना लागू की है। यह योजना पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाएं, परामर्श, कौशल विकास, और आर्थिक सशक्तिकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देती है।
गरिमा गृह और कौशल विकास
पिछले तीन वर्षों में 18 गरिमा गृह स्थापित किए गए हैं, जिनमें 990 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पुनर्वासित किया गया। इसके अलावा, 725 व्यक्तियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है।
पहचान प्रमाण पत्र और ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड
राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से अब तक 24,015 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है।
ट्रांसजेंडर संरक्षण कक्ष
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ट्रांसजेंडर संरक्षण कक्ष बनाए गए हैं। ये कक्ष अपराधों की निगरानी और उनके त्वरित निपटारे में सहायक हैं।
पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण
राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (एनआईएसडी) के सहयोग से अब तक 85 जागरूकता और संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इनमें 4,269 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।
गरिमा गृह की सुविधाएं
गरिमा गृहों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भोजन, चिकित्सा देखभाल, और मनोरंजन जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। साथ ही, उनके कौशल विकास और क्षमता निर्माण के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने लोकसभा में दी।