भारत से चोरी कर विदेशों तक पहुंचाई जाती है वस्तुएं

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

अमेरिका (America) भारत (India) को 297 प्राचीन वस्तुएं लौटाएगा। ये सभी वस्तुएं पहले ही न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय को सौंप दी गई हैं। भारत में इनका सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वापस लाने के उद्देश्य से अमेरिका ने कुल 297 प्राचीन और ऐतिहासिक वस्तुएं भारत को सौंपने का निर्णय लिया है। इन वस्तुओं को न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास को सौंपा जा चुका है और अब इनका भारत में सुरक्षित रूप से लाया जाना सुनिश्चित किया गया है। इस प्रक्रिया के लिए संबंधित स्वीकृति आदेश जारी किए जा चुके हैं।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) भारत की सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा और संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

चोरी और अवैध निर्यात पर सख्त निगरानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने स्मारकों और पुरावशेषों की सुरक्षा के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। नियमित निगरानी कर्मचारियों के अलावा आवश्यकतानुसार निजी सुरक्षा गार्ड और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की भी तैनाती की जाती है। यदि किसी पुरावशेष की चोरी की सूचना मिलती है, तो तत्काल संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। साथ ही कस्टम एजेंसियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लुक आउट नोटिस जारी किया जाता है ताकि चोरी हुए पुरावशेषों का पता लगाया जा सके और उनके अवैध निर्यात को रोका जा सके।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि सरकार लगातार प्रयासरत है कि विदेशों में मौजूद भारतीय धरोहरों को वापस लाया जाए। अमेरिका और भारत के बीच मजबूत सांस्कृतिक सहयोग के परिणामस्वरूप यह बड़ी सफलता मिली है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अमेरिका समेत कई देशों से सैकड़ों प्राचीन मूर्तियां और ऐतिहासिक वस्तुएं वापस प्राप्त की हैं।

सरकार की प्रतिबद्धता संस्कृति मंत्रालय के नेतृत्व में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण न केवल चोरी और अवैध तस्करी को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है, बल्कि देश के स्मारकों और धरोहर स्थलों को संरक्षित करने के लिए भी लगातार कार्य कर रहा है।

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