1972 से स्कूल की बिल्डिंग में चल रहा है अरबिंदो कॉलेज

11 साल बाद भरा गया स्थायी प्रिंसिपल का पद

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से संबद्ध अरबिंदो कॉलेज को लंबे अरसे यानी 11 साल बाद स्थायी प्रिंसिपल के रूप में प्रो . अरुण चौधरी ने अपना कार्यभार संभाला । नवनियुक्त प्रिंसिपल प्रो.चौधरी के कार्यभार संभालने के बाद स्टाफ एसोसिएशन ने शिक्षकों से मुलाकात कार्यक्रम के तहत शिक्षकों से मिलकर  उनकी समस्याएं सुनी । इस अवसर पर मीडिया संयोजक डॉ.हंसराज सुमन , एसोसिएशन के पदाधिकारियों में प्रो. विनय कुमार सिंह , श्री विनय भारद्वाज , डॉ.अंजली अरोड़ा  , प्रो.  तस्लीम शहनाज , डॉ.नरपत सिंह आदि भी उपस्थित थे । एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार सिंह ने उनके समक्ष शिक्षकों की कई महत्वपूर्ण मांगें  रखी । 

प्रो.सिंह ने एसोसिएशन की ओर से कॉलेज की नई बिल्डिंग की मांग रखी और बताया कि 1972 से स्कूल की बिल्डिंग में यह कॉलेज चल रहा है । उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले उस समय के सभी कॉलेजों की नई बिल्डिंग बन गई है लेकिन पिछले 52 वर्षों से यह कॉलेज स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में चल रहा है ।

        नवनियुक्त प्रिंसिपल प्रो.अरुण चौधरी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि अरबिंदो कॉलेज की नई बिल्डिंग बनवाना मेरी प्राथमिकता में है । उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत 1972 में बहुत से कॉलेज खोले गए थे , उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से वित्त पोषित सभी कॉलेजों की नई बिल्डिंग बन चुकी है और वे सही से चल रहे हैं ।  चिंता जाहिर करते हुए प्रो.चौधरी ने कहा कि इस कॉलेज  की अभी तक नई बिल्डिंग क्यों नहीं बनी ? जबकि उस समय एक दर्जन से अधिक कॉलेज खोले गए थे और सभी की नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है , एक मात्र अरबिंदो कॉलेज ही बचा है  जबकि कॉलेज को जमीन आबंटित  हुए काफी समय हो चुका है।

उन्होंने कहा कि मैं विश्वविद्यालय प्रशासन , दिल्ली सरकार , केंद्र सरकार व स्टाफ एसोसिएशन के साथ बैठकर बिल्डिंग के मेटर को जल्द ही समाधान निकालेंगे और कॉलेज को नई बिल्डिंग देने का वायदा किया । प्रो.चौधरी ने कहा कि आप सभी शिक्षकों का सहयोग मिला तो कॉलेज को हम भारत के टॉप 10 कॉलेजों की श्रेणी में ला सकते है । साथ ही छात्रों के लिए करियर की दृष्टि से रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की जाएगी ताकि इन पाठ्यक्रमों को करने के बाद उन्हें रोजगार मिल सकें ।

      कॉलेज के वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर हंसराज सुमन ने  शैक्षिक व गैर- शैक्षिक कर्मचारियों की मांग रखी और बताया उनसे आग्रह किया कि यहाँ पर 100 से अधिक एडहॉक टीचर्स परमानेंट हुए हैं और ठीक उसकी तर्ज पर  गैर- शैक्षिक कर्मचारियों के पदों को भी भरा जाए । यहाँ 50 फीसदी कर्मचारी अस्थायी है ।  उन्होंने बताया है कि इन पदों के विज्ञापन निकाले जा चुके हैं उन्हें भी जल्द से जल्द स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू करें । प्रो.चौधरी ने कहा कि शिक्षकों की भांति गैर-शैक्षिक कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू प्रशासन से मांग की जाएगी और जब भी सलेक्शन कमेटी या इंटरव्यू होंगे तो उन्हें प्राथमिकता देकर परमानेंट कराएंगे । उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता में छात्र , कर्मचारी व शिक्षकों के हितों का ध्यान रखना है ।

  प्रो. चौधरी ने कहा कि हाल ही में स्थायी हुए शिक्षकों की समय पर कन्फर्मेशन लेटर देना व पदोन्नति करवाना , शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करवाना , इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों के लिए रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम लाना व वंचित समुदायों से आने वाले छात्रों की हर संभव मदद करना मेरी प्राथमिकता में है ।  उन्होंने आगे कहा कि हम अपने छात्रों को अध्ययन संबंधी किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं आने देंगे । छात्रों के बिना शिक्षण संस्थान का कोई अस्तित्व नहीं इसलिए छात्रों की पढ़ाई पर पूरा फोकस रहेगा । कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन से कहा कि मैं प्रिंसिपल बाद में हूँ पहले शिक्षक हूँ और एक शिक्षक की तरह मैं भी कक्षा लूंगा ।

          प्रो.अरुण चौधरी ने कॉलेज की पुस्तकालय , प्रयोगशाला कक्ष , कैंटीन , प्ले ग्राउंड आदि का दौरा किया । उसके बाद गैर -शैक्षिक कर्मचारियों के साथ बैठक ली । उन्होंने कहा कि नियुक्ति व पदोन्नति के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा , जल्द ही शिक्षकों की तरह पदों को भरेंगे । साथ ही कहा है कि वे समय पर अपना काम करें , छात्रों को किसी तरह की दिक्कतें न आएं । मैं विश्वास दिलाता हूँ कि शिक्षकों , कर्मचारियों व छात्रों को कोई दिक्कत नहीं आने दिया जाएगा।

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