भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के मकसद से की जा रही मैपिंग

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में जानकारी दी कि 4.5 लाख गांवों का मानचित्रण पूरा कर उन्हें “मेरा गांव मेरी धरोहर” (एमजीएमडी) पोर्टल पर अपलोड किया गया है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) का हिस्सा है।

भारत सरकार की ओर से सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब तक 4.5 लाख गांवों का मानचित्रण किया जा चुका है, जो पूरे देश के 6.5 लाख गांवों का 69% है। इन गांवों को ‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ (एमजीएमडी) वेब पोर्टल (https://mgmd.gov.in/) पर अपलोड किया गया है, जिससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।

इस मिशन का उद्देश्य भारत के गांवों में मौजूद मौखिक परंपराओं, मान्यताओं, रीति-रिवाजों, ऐतिहासिक महत्व, कला रूपों, पारंपरिक भोजन, प्रमुख कलाकारों, मेलों और त्योहारों, पारंपरिक पोशाक, आभूषणों और स्थानीय स्थलों को दस्तावेजित करना है। इस काम में 75.48 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग किया गया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 के बीच एनएमसीएम के लिए आवंटित की गई थी।

इस प्रक्रिया के तहत 2022 तक 5,000 गांवों का मानचित्रण पूरा करने का लक्ष्य था, और यह लक्ष्य पहले ही पूरा किया जा चुका है, क्योंकि 2022 तक 5,000 से अधिक गांवों का मानचित्रण किया जा चुका है।

एनएमसीएम के माध्यम से संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने और उन्हें बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

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