माथे पर चिंता की लकीरें खींच रहा रेसिप्रोकल टैरिफ
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
गोल्ड की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल
Gold rate Today: 31 मार्च को गोल्ड की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली, जब यह पहली बार 3100 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गया। स्पॉट गोल्ड 3,106.50 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। 2025 के पहले तीन महीनों में सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है।
मार्च में 8% की बढ़त
साल 2025 में अब तक गोल्ड 18% से अधिक चढ़ चुका है, जबकि सिर्फ मार्च के महीने में इसकी कीमतें 8% बढ़ीं।
मुख्य बातें
गोल्ड पहली बार 3100 डॉलर प्रति औंस के पार
अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल से लागू
ट्रेड वॉर की चिंताओं से गोल्ड बना सुरक्षित निवेश
भारतीय निवेशकों के लिए गोल्ड खरीदने का सही समय
रेसिप्रोकल टैरिफ से बढ़ी अस्थिरता
अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल से लागू किए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ की वजह से बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है। इसी कारण गोल्ड की कीमतें ऊंचाई पर बनी हुई हैं।
विशेषज्ञों की राय
KCM Trade के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर के अनुसार, टैरिफ की वजह से निवेशकों में असमंजस बना हुआ है, जिससे सोने की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है।
ट्रेड वॉर के चलते निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी सरकार अपेक्षा से कम टैरिफ लगाती है, तो गोल्ड में प्रॉफिट बुकिंग देखने को मिल सकती है। लेकिन, यदि टैरिफ ज्यादा हुआ, तो गोल्ड की कीमतों में और तेजी आ सकती है।

ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 मार्च को कहा कि यदि रूस यूक्रेन में शांति प्रक्रिया में बाधा डालता है, तो वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 25-50% सेकेंडरी टैरिफ लगा सकते हैं।
भारत के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें
यदि अमेरिका रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाता है, तो इसका सीधा असर भारत जैसे देशों पर पड़ेगा।
भारत और रूस की साझेदारी:
- 2023 से भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है।
- यदि अमेरिका ने सेकेंडरी टैरिफ लगाया, तो भारत के लिए तेल खरीदना महंगा हो सकता है।
- इससे डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो सकता है, जिससे गोल्ड की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
निवेशकों के लिए क्या सही रणनीति होगी?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में गोल्ड को अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
कैसे करें निवेश?
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF): डीमैट अकाउंट के जरिए घर बैठे गोल्ड में निवेश करें।
गोल्ड म्यूचुअल फंड स्कीम: बिना डीमैट अकाउंट के निवेश करने का आसान तरीका।
फिजिकल गोल्ड: सोने के सिक्के, ज्वेलरी या गोल्ड बार में निवेश करें।
Sovereign Gold Bonds (SGBs): सरकार द्वारा जारी बॉन्ड, जो ब्याज भी देते हैं।
निवेश पोर्टफोलियो में कितना गोल्ड रखें?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि कुल निवेश का 10-15% हिस्सा गोल्ड में होना चाहिए।
गोल्ड की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ और संभावित ट्रेड वॉर के कारण देखने को मिला है। यदि अमेरिकी सरकार अधिक टैरिफ लागू करती है, तो गोल्ड की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। भारत के निवेशकों के लिए यह सोने में निवेश करने का सुनहरा अवसर हो सकता है।
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