भारतीय वायुसेना ने इजरायली तकनीक वाले Harpy ड्रोन से पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Harpy Drone: भारतीय वायुसेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को जबरदस्त तरीके से निशाना बनाया। इस कार्रवाई में Harpy Drone की अहम भूमिका रही, जो कि इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा विकसित एक एडवांस्ड Loitering Munition है।
यह ड्रोन रडार तरंगों को ट्रैक करके स्वयं ही निशाना साधता है और हमला करता है।
Harpy Drone की खासियत
Harpy Drone एक अत्याधुनिक “Suicide Drone” या “Kamikaze Drone” है, जिसे खासतौर पर रडार डिटेक्शन और डिस्ट्रक्शन मिशन के लिए डिजाइन किया गया है।
Harpy Drone प्रमुख खूबियां:
- निर्माता: Israel Aerospace Industries (IAI)
- प्रकार: Loitering Munition (Suicide Drone)
- उद्देश्य: दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली और रडार स्टेशनों को खत्म करना
- रेंज: लगभग 500 किलोमीटर
- फ्लाइट टाइम: 2-3 घंटे तक हवा में मंडराने की क्षमता
- Guidance System: Passive Radar Seeker (जो रडार की तरंगों को पहचानता है)
- Warhead: High Explosive (HE) – लक्ष्य मिलने पर स्वयं ही विस्फोट करता है
कैसे काम करता है Harpy Drone?
Harpy Drone को मिशन एरिया में लॉन्च किया जाता है, जहां यह दुश्मन के सक्रिय रडार की तरंगों को पकड़कर उसका लोकेशन लॉक करता है। जैसे ही लक्ष्य सुनिश्चित होता है, यह खुद को उसी स्थान पर गिराकर विस्फोट करता है।
इससे दुश्मन की रडार प्रणाली नष्ट हो जाती है और बाकी एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो जाता है।
Harpy Drone का भारत में उपयोग
भारत ने 2000 के दशक की शुरुआत में Harpy drones को खरीदा था और बाद में Harop नामक नए संस्करण को भी शामिल किया गया। भारत इन ड्रोन का उपयोग पहले भी बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय संभावित रडार अंधा करने के लिए कर चुका है।
अब, ऑपरेशन सिंदूर में इसके उपयोग की संभावना प्रबल मानी जा रही है, जिससे लाहौर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया।
स्ट्रैटजिक फायदाः क्यों Harpy है गेमचेंजर
- सटीकता: लक्ष्य मिलने पर स्वतः हमला
- खुफिया मिशन में भी उपयोगी
- कम रिस्क: पायलट की जरूरत नहीं
- रडार सिस्टम को “ब्लाइंड” करने की क्षमता
- शुरुआती हमलों के लिए परफेक्ट हथियार
Harpy Drone ने एक बार फिर अपनी ताकत साबित कर दी है। भारत की ओर से पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली पर किए गए हमले में यह एक मुख्य हथियार के रूप में उभरा है।
युद्ध की तकनीक में Harpy जैसे स्मार्ट ड्रोन भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं। यह हमला न केवल तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक है बल्कि यह भी बताता है कि भारत अब सटीक और आक्रामक रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया
भारतीय सशस्त्र बलों ने 7-8 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस गुप्त और सटीक मिशन के तहत भारत ने पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को उनकी दुस्साहसी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया। यह ऑपरेशन भारत की रक्षा नीति में नए युग की शुरुआत माना जा रहा है, जहां संयम और सख्ती का संतुलन स्पष्ट दिखाई देता है।
किन-किन 9 ठिकानों को बनाया गया निशाना?
विश्वसनीय रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में निम्नलिखित प्रमुख वायु रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया गया:
- लाहौर एयर डिफेंस बेस
- सियालकोट मिलिट्री स्टेशन
- बहावलपुर रडार स्टेशन
- रहीमयार खान कमांड हब
- मुल्तान एयरस्ट्रिप
- मुजफ्फरगढ़ डिफेंस यूनिट
- पेशावर निगरानी स्टेशन
- डेरा गाजी खान मिसाइल यूनिट
- चकवाला इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सेंटर
इन ठिकानों पर सर्जिकल तरीके से प्रहार कर भारत ने पाकिस्तान की क्षमताओं को निष्प्रभावी कर दिया।
नोट- आर्टिकल लिखने में AI की मदद ली गई है, किसी भी गलती के लिए ब्लॉग और संस्थान जिम्मेवार नहीं
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