यह बात सन 1969 के आसपास की है। शक्ति सामंत (shakti samanta) राजेश खन्ना (rajesh khanna) स्टॉरर फिल्म आराधना (Aradhana movie) बना रहे थे। उन दिनों यह प्रचलन में था कि लॉचिंग पैड के तौर पर दो गाने रिकार्ड होते थे और प्रमोशन के लिए प्रसिद्ध अखबारों में पोस्टर आदि छपवाए जाते थे। इस फिल्म के गानों के लिए सचिव देव वर्मन या एसडी वर्मन (S D Burman) की पहली पसंद मोहम्मद रफी (mohammed rafi) थे। एसडी वर्मन ने मोहम्मद रफी से फिल्म के दो गाने, बागों में बहार है (baghon mein bahar hai) और गुनगुना रहे हैं भंवरे (gunguna rahe hain bhanware) गवाया। वर्मन और गाने गवा पाते उसके पहले उनकी तबियत खराब हो गई। अब गानों के रिकार्डिंग की जिम्मेदारी बेटे आर डी वर्मन या पंचम दा (pancham da) पर आ गयी।

किशोर से थी दोस्ती

आर डी वर्मन की किशोर कुमार (kishore kumar) से अच्छी दोस्ती थी। लेकिन उस समय किशोर कुमार का करियर अच्छा नहीं चल रहा था। पंचम दा के दिमाग में यह बात थी। उन्होंने सोचा कि क्यों ना दोस्त को एक मौका दिया जाए। उन्होंने किशोर की आवाज के इस्तेमाल का निर्णय लिया। बिना पिता जी को बताए रिहर्सल शुरू कर दिया।

जब पिता की तबियत ठीक हुई

रिकार्डिंग के समय ही पिता एसडी वर्मन की तबियत ठीक हो गई। एक दिन स्टूडियोे आए तो देखा कि गानों की फाइनल रिकार्डिंग चल रही है। मोहम्मद रफी की जगह किशोर कुमार को देख उनका माथा ठनक गया। उन्होने तत्काल पंचम दा को बुलाया और पूछा कि किससे पूछकर किशोर कुमार से गाने गवा रहे हैं। जब तय हो चुका था कि मोहम्मद रफी गाना गाएंगे तो क्यों सिंगर बदले गए। पंचम दा ने उनसे कहा कि मोहम्मद रफी ने जो दो गाने गाए हैं वो बेमिसाल है, लेकिन उन्हेें लगा कि बाकि के गानों के लिए किशोर कुमार उपयुक्त हैं। उन्होंने पिता से एक बार गाने सुनने की गुजारिश की।

किशोर कुमार को मिल बेस्ट प्ले बैक सिंगर का खिताब

एसडी वर्मन ने बेटे के अनुरोध पर किशोर कुमार द्वारा गाए गाने सुने। वो बहुत ही खुश हुए। फिल्म जब रिलीज हुई तो रुप तेरा मस्ताना (roop tera mastana) गाने के लिए किशोर कुमार को बेस्ट प्ले बैक सिंगर का अवार्ड मिला। किशोर कुमार के करियर ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली।

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