दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

india us relations upsc in hindi: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक नई दिशा और ऊर्जा आई है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से, नरेंद्र मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ और व्यापक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन वर्षों में, दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, रणनीतिक साझेदारी, और सांस्कृतिक संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस लेख में, हम नरेंद्र मोदी के काल में भारत-अमेरिका रिश्तों की मुख्य उपलब्धियों और चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे।

व्यापार और निवेश

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दोनों देशों ने अपने व्यापारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। 2019 में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 146 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो कि पिछले कुछ वर्षों में निरंतर बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने “मेक इन इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” जैसे अभियानों के माध्यम से अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

अमेरिकी कंपनियों जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, और अमेज़न ने भारत में बड़े पैमाने पर निवेश किया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण समर्थन मिला है। इसके अलावा, दोनों देशों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया है।

रक्षा और सुरक्षा

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। 2016 में, अमेरिका ने भारत को “मेजर डिफेंस पार्टनर” का दर्जा दिया, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध और मजबूत हुए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने अमेरिका के साथ कई रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA), कम्युनिकेशंस कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (COMCASA), और बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) शामिल हैं।

इन समझौतों ने दोनों देशों को रणनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से करीब लाने में मदद की है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच नियमित सैन्य अभ्यास भी होते हैं, जैसे मालाबार नौसैनिक अभ्यास, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

वैश्विक मंच पर सहयोग

नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई वैश्विक मुद्दों पर एक साथ काम किया है। दोनों देश जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद का मुकाबला, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए साझेदारी कर रहे हैं। 2015 में, पेरिस जलवायु समझौते में भारत और अमेरिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें दोनों देशों ने ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी भारत और अमेरिका का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है। नरेंद्र मोदी ने कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है, और अमेरिका ने इसमें भारत का पूरा समर्थन किया है। दोनों देशों ने खुफिया जानकारी साझा करने और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने के लिए भी कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

राजनयिक दौरे

नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बीच व्यक्तिगत और कार्य संबंध भी काफी मजबूत हुए हैं। मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार अमेरिका की यात्राएं की हैं और अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने भी भारत का दौरा किया है। इन उच्च-स्तरीय यात्राओं ने दोनों देशों के नेताओं के बीच व्यक्तिगत और कार्य संबंधों को और मजबूत किया है।

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली अमेरिका यात्रा की, जहां उन्होंने अमेरिकी भारतीय समुदाय को संबोधित किया और अमेरिकी नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। 2019 में, “हाउडी मोदी” कार्यक्रम के दौरान, नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ह्यूस्टन में एक विशाल सभा को संबोधित किया, जिसमें 50,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों ने भाग लिया।

प्रवासी भारतीय समुदाय

अमेरिका में भारतीय समुदाय के साथ नरेंद्र मोदी के संबंध भी काफी मजबूत हुए हैं। उन्होंने कई बार अमेरिकी भारतीय समुदाय को संबोधित किया है, जिससे दोनों देशों के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध और भी प्रगाढ़ हुए हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सेतु का काम किया है, और नरेंद्र मोदी ने उनके योगदान को बार-बार सराहा है।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

हालांकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंधों में काफी प्रगति हुई है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। व्यापार विवाद, इमिग्रेशन नीतियाँ, और एच-1बी वीजा जैसे मुद्दे दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बने हैं। इसके अलावा, चीन के बढ़ते प्रभाव और क्षेत्रीय विवादों के कारण भी दोनों देशों को रणनीतिक दृष्टिकोण से सामंजस्य बैठाना पड़ा है।

भविष्य में, भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए निरंतर संवाद और सहयोग आवश्यक होगा। नरेंद्र मोदी और अमेरिकी नेतृत्व को इन चुनौतियों का सामना करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा।

निष्कर्ष

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई है। व्यापार, रक्षा, रणनीतिक साझेदारी, और सांस्कृतिक संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दोनों देशों ने कई वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम किया है और भविष्य में भी इन संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कई संभावनाएँ हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत-अमेरिका रिश्ते एक नई ऊँचाई पर पहुँचे हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हो रहा है और वैश्विक स्थिरता और शांति को बढ़ावा मिल रहा है।

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here