सोहोम के गुरू ने “ऑटोबॉडी रिपेयर” में अपना भविष्य बनाने के लिए किया प्रेरित

नई दिल्ली, 12 मई।

सोहोम की जिंदगी आसान नहीं थी। घर की माली हालत बहुत खराब थी। प्राइवेट फैक्ट्री में वर्कर का काम कर पिता किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर पाते थे। लेकिन कहते हैं ना कि,  मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। सोहोम ने इस कहावत को चरितार्थ करके दिखाया। आज सोहोम (IndiaSkills success story in hindi) अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में बहुत आगे बढ़ गए हैं। इंडिया स्किल्स सोहोम के सपनों को नई उड़ान दे रहा है।*

सफलता की यह कहानी है पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में सांकराइल के रहने वाले सोहोम परबत की। इंडियास्किल्स तक पहुंचने का एक सपना जिसे सोहोम ने खुली आँखों से देखा और उसे अपनी मेहनत और सच्ची लगन से हक़ीक़त में बदल दिया। इस मुकाम तक पहुंचने में सोहोम की जीवन यात्रा अनेक संघर्षों और कठिनाइयों से भरी हुई थी। लेकिन सोहोम ने कभी हार नहीं मानी। सोहोम ने वोकेशनल विषय से 12वीं पास की। उसके बाद सोहोम ने आईटीआई में दाखिला लेकर “ऑटोबॉडी रिपेयरिंग” का कोर्स किया। कोर्स करने के बाद सोहोम ने एक साल तक एक प्राइवेट कम्पनी में डेन्टर के रूप में जॉब की। जॉब करने के साथ-साथ सोहोम का आत्मविश्वास बढ़ता चला गया। सोहोम ने अपने जीवन को एक नई दिशा देना तय किया तो उन्हें साथ मिला अपने गुरू सोनू लाठर का।

सोहोम के गुरू सोनू लाठर ने उन्हें “ऑटोबॉडी रिपेयर” में अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए निरन्तर प्रेरित किया। अपने गुरू से मिले प्रशिक्षण और मार्गदर्शन में सोहोम ने इंडियास्किल्स प्रतियोगिता में पहुंचकर आज अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

सोहोम इंडियास्किल्स प्लेटफॉर्म पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। सोहोम कहते हैं कि “इंडियास्किल्स एक ऐसा बड़ा महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है जो मुझे जोश और उत्साह से भर रहा है। निश्चित रूप से इस प्लेटफॉर्म ने मेरे जैसे अनेक युवाओं को अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए एक नई राह दिखाई है। मुझे विश्वास है कि मैं भविष्य में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर अपने देश का नाम रोशन करूंगा”।

सोहोम की इस यात्रा में उनके परिवार ने हर कदम पर उनका पूरा साथ दिया है। सोहोम के पिताजी एक प्राइवेट फैक्ट्री में छोटे से वर्कर के रूप में काम करते हुए भी सोहोम को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं। इसी का परिणाम है कि सोहोम आज इंडियास्किल्स प्लेटफॉर्म तक आ पहुंचे हैं।

सोहोम यह भी कहते हैं “मेरे गुरू सोनू लाठर ने मुझे प्रशिक्षित करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके मार्गदर्शन ने मुझे इस मुकाम को हासिल करने में मदद की है। मुझे पूरा विश्वास है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इंडियास्किल्स प्रतियोगिता का विजेता बनूंगा और अपने गुरू और माँ-बाप का नाम रोशन करूंगा”। सोहोम की सफलता की यह कहानी देश के अनेक युवाओं को आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा देती है। सोहोम की सोच ने यह दिखा दिया है कि अपने कौशल और प्रतिभा के दम पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है। सोहोम की सफलता पर हम सभी को गर्व है।

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