लोकसभा चुनाव में पहले के मुकाबले कमजोर दिखी आम आदमी पार्टी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025, की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ हो लेकिन सूबे में सियासी पारा उफान पर है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच चुनावी जंग शुरू हो चुकी है। राजनेता एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक के बाद लोकलुभावनी घोषणाएं करके जहां मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं वहीं भाजपा के दिग्गज नेताओं के प्रचार के केंद्रबिंदू में आम आदमी पार्टी की दस साल की नाकामियां हैं।
भाजपा इसी साल हुए लोकसभा चुनाव परिणामों से उत्साहित है। नरेंद्र मोदी की लहर पर सवार होकर भाजपा दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना चाहती है। इसलिए आज के आर्टिकल में हम आपको 2024 लोकसभा चुनाव परिणामों का विश्लेषण करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2024, के परिणाम क्या संकेत देते हैं। आम आदमी पार्टी और भाजपा किस तरह चुनाव परिणामों को देखती है।
लोकसभा चुनाव 2024
लोकसभा की जीत, विधानसभा का सबक
पहले से ज्यादा कमजोर AAP
- AAP को दिल्ली में 52 विधानसभा क्षेत्रों में मिली हार
- दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के घटक दल के रूप में सात में से चार सीटों पर चुनाव लड़ा, तीन सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे
- विधानसभा के हिसाब से चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो बीजेपी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 52 पर बढ़ती बनाई है
लोकसभा चुनाव 2024
विधानसभा सीटों का गणित
- दक्षिण दिल्ली सीट पर 10 में से 7 विधानसभा पर बीजेपी आगे रही और 3 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन आगे रहा
- चांदनी चौक सीट में भी 7 विधानसभा पर बीजेपी आगे रही और 3 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन आगे रहा
- पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में 8 पर बीजेपी और केवल 2 विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आगे रहे
- नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट पर इंडिया गठबंधन 4 विधानसभा सीटों पर और बीजेपी 6 पर आगे रही
- पश्चिमी दिल्ली सीट पर बीजेपी केवल दो सीटों पर पीछे रही
- नॉर्थ वेस्ट सीट पर बीजेपी 9 विधानसभा सीटों पर और इंडिया एक पर आगे रहा
लोकसभा चुनाव 2024
दलों का वोट प्रतिशत
- आप का वोट प्रतिशत 2019 में 182 प्रतिशत था जो बढ़कर लगभग 24 प्रतिशत हो गया
- कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2019 में 226 प्रतिशत था जो घटकर लगभग 18 प्रतिशत रह गया
- भाजपा को 5435 प्रतिशत मत मिले, वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 567 प्रतिशत और 2014 में 466 प्रतिशत था