LT. Rajiv ghai
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DGMO बनने से पहले कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं राजीव घई, देश को नाज  

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Who is Lt General Rajiv Ghai: भारतीय सेना में Director General of Military Operations (DGMO) का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इस पद को वर्तमान में संभाल रहे हैं Lieutenant General Rajiv Ghai। अक्टूबर 2024 में DGMO का कार्यभार ग्रहण करने वाले Lt Gen Ghai का सैन्य करियर तीन दशकों से भी अधिक लंबा है, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ऑपरेशनल, कमांड और स्टाफ असाइनमेंट्स निभाए हैं।

आइए जानें उनके जीवन, सैन्य सेवा, पुरस्कार, और हालिया सैन्य अभियानों के बारे में विस्तार से।

प्रारंभिक शिक्षा और सैन्य करियर की शुरुआत

Lt General Rajiv Ghai ने Indian Military Academy, Dehradun से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया और दिसंबर 1989 में भारतीय सेना की Kumaon Regiment में कमीशन प्राप्त किया।

उनका शुरुआती करियर Jammu & Kashmir में counter-insurgency operations के दौरान विशेष रूप से प्रभावशाली रहा। वे एक डिविजन में Colonel General Staff रहे और Army Headquarters के Military Operations Directorate में Brigadier के रूप में तैनात रहे। इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में एक बटालियन, एक ब्रिगेड और उत्तरी सीमा (Northern Borders) पर एक डिविजन का भी नेतृत्व किया।

DGMO बनने से पहले की प्रमुख जिम्मेदारियाँ

DGMO बनने से पहले Lt Gen Ghai Chinar Corps के General Officer Commanding-in-Chief (GoC) रहे। Chinar Corps जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की मुख्य कमान संभालता है।

उनके नेतृत्व में सेना, प्रशासन और आम नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया। उन्होंने हमेशा “Hard Work” और “Determination” पर ज़ोर दिया, जिससे आतंकवाद को खत्म करने और शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।

DGMO के रूप में भूमिकाएं और ज़िम्मेदारियाँ

DGMO के तौर पर Lt Gen Rajiv Ghai की ज़िम्मेदारी पूरे देश के सैन्य अभियानों की योजना बनाने और उन्हें निष्पादित करने की होती है। इसके अंतर्गत शामिल हैं:

  • Combat Operations की निगरानी
  • Counter-Terrorism Operations का संचालन
  • सशस्त्र सेनाओं के बीच Inter-Services Coordination
  • Ministry of Defence और अन्य मंत्रालयों से रणनीतिक तालमेल
  • पाकिस्तान के DGMO के साथ Direct Military Communication

वे भारत की सीमाओं पर हो रही किसी भी प्रकार की हलचल पर तीव्र निगरानी रखते हैं और उसका समय रहते जवाब देने की रणनीति बनाते हैं।

Operation Sindoor: पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार


7 मई 2025 को Operation Sindoor के अंतर्गत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और Pakistan-occupied Kashmir (PoK) में स्थित आतंकी अड्डों पर लक्षित हमले किए। इस ऑपरेशन की योजना और कमान Lt Gen Ghai के नेतृत्व में बनी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय सेना ने Muridke, जो कि Lashkar-e-Taiba का गढ़ माना जाता है, को सटीकता से निशाना बनाया। सेना के अनुसार, इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की सेना को भी भारी क्षति हुई।

Operation Sindoor का लक्ष्य केवल जवाब देना नहीं था, बल्कि आतंक के स्रोत को जड़ से खत्म करना था। भारत अब आतंक के प्रति Zero Tolerance नीति अपना चुका है।” — Lt Gen Rajiv Ghai

India-Pakistan Ceasefire: बातचीत में DGMO की रणनीतिक भूमिका

10 मई 2025 को शाम 5:00 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच Ceasefire लागू हुआ। इस निर्णय तक पहुँचने में DGMO स्तर पर हुई बातचीत का अहम योगदान रहा। Pakistan द्वारा बार-बार Ceasefire Violations जैसे Drone Attacks और Cross-border Shelling के बावजूद, भारत ने सख्त रुख अपनाया।

Lt Gen Ghai ने यह स्पष्ट किया कि भारतीय सेना “Firm Retaliation” की नीति पर कायम है और कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

12 मई 2025 को दोनों देशों के DGMO के बीच बैठक हुई, जिसमें सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और भविष्य के टकरावों को रोकने पर चर्चा हुई। Lt Gen Ghai ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को मजबूती से सामने रखा।

पुरस्कार और सम्मान

Lt General Rajiv Ghai को उनके असाधारण सैन्य योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है:

  • Uttam Yudh Seva Medal (UYSM) – युद्धकालीन सेवा में असाधारण नेतृत्व के लिए
  • Ati Vishisht Seva Medal (AVSM) – विशिष्ट सेवा के लिए
  • Sena Medal (SM) – वीरता और ऑपरेशनल कमांड के लिए

भारत की सैन्य रणनीति के मजबूत स्तंभ

Lt Gen Rajiv Ghai न केवल एक अनुभवी सैन्य अधिकारी हैं, बल्कि भारत की सीमाओं की सुरक्षा और आतंक के खिलाफ युद्ध में अग्रणी रणनीतिकार भी हैं। उनके नेतृत्व में Operation Sindoor जैसे साहसिक अभियानों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करता है।

DGMO के रूप में उनकी सक्रिय भूमिका, भारत-पाक संबंधों में सैन्य संतुलन बनाए रखने और सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे आने वाले समय में भी भारत की सुरक्षा और रणनीति के निर्धारण में केंद्रीय भूमिका निभाते रहेंगे।

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