7 मई को देशभर में होगी मॉक ड्रिल
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली
Mock drill: हरियाणा में 7 मई 2025 को होने जा रही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आम जनता को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना है। यह ड्रिल न सिर्फ़ नागरिकों को जागरूक बनाती है, बल्कि किसी भी आपदा या हमले की स्थिति में बड़े पैमाने पर घबराहट को रोकने में भी मदद करती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें और क्या न करें, और क्यों यह अभ्यास अत्यंत आवश्यक है।
क्या है मॉक ड्रिल?
मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित अभ्यास है जिसमें आपातकालीन परिस्थितियों का अनुकरण किया जाता है ताकि आम लोग, प्रशासन और आपात सेवाएं (जैसे पुलिस, अग्निशमन, एम्बुलेंस) मिलकर ऐसी किसी भी स्थिति का सामना प्रभावी ढंग से कर सकें।
ड्रिल से पहले की तैयारी: जागरूक नागरिक बनें
- मोबाइल और पावर बैंक चार्ज करें:
आपातकाल के दौरान संपर्क बनाए रखना जरूरी है। - ज़रूरी सामान तैयार रखें:
बैटरी या सौर ऊर्जा से चलने वाली टॉर्च, रेडियो
वैध पहचान पत्र
आपातकालीन किट जिसमें पानी, सूखा भोजन और बुनियादी दवाइयाँ हों।
- अलर्ट के संकेत समझें:
लंबे निरंतर सायरन का मतलब अलर्ट है।
छोटे सायरन का मतलब स्थिति सामान्य है।
- सुरक्षित स्थान की पहचान करें:
अपने घर या ऑफिस में ऐसा कमरा चुनें जो अंदरूनी हो और खिड़कियों से दूर हो। - समय पर अभ्यास करें:
परिवार के साथ मिलकर 1-2 मिनट में सुरक्षित क्षेत्र तक पहुँचने का अभ्यास करें। - इमरजेंसी नंबर लिख लें:
पुलिस: 112
अग्निशमन: 101
एम्बुलेंस: 120
- शाम 7 से 8 बजे तक लिफ्ट का उपयोग न करें:
लिफ्टों को बंद कर दें ताकि बिजली जाने की स्थिति में कोई फंस न जाए। - बुजुर्गों और बच्चों को समझाएं:
उन्हें बताएं कि यह केवल एक अभ्यास है।
ड्रिल के दौरान क्या करें?
- घबराएं नहीं:
अगर सायरन बजे या घोषणा हो – “यह एक अभ्यास है” – तो शांत रहें। - दिशा-निर्देशों का पालन करें:
पुलिस, स्कूल, सरकारी अधिकारियों के निर्देशों को मानें। - सुरक्षित स्थान पर जाएं:
लाइट बंद करें, खिड़कियों से दूर रहें और पूरी सावधानी बरतें। - ब्लैकआउट के नियम:
सभी रोशनी बंद करें, इन्वर्टर को भी डिस्कनेक्ट करें।
गैस और बिजली के उपकरणों को बंद करें।
वाहन में हैं तो किनारे लगाकर लाइट बंद करें और वहीं रहें।
बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की निगरानी करें।
फोन या एलईडी डिवाइस खिड़की के पास इस्तेमाल न करें।
मोटे पर्दों या कार्डबोर्ड से खिड़कियाँ ढकें।
- गलत जानकारी न फैलाएं:
सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के कोई भी मैसेज फॉरवर्ड न करें।
ड्रिल के बाद क्या करें?
जब तक कोई नई सूचना न मिले, सामान्य गतिविधियाँ दोबारा शुरू करें।
अपनी प्रतिक्रिया स्थानीय RWA या प्रशासन को बताएं।
बच्चों और बुजुर्गों से बात करें, उन्हें समझाएं कि यह सिर्फ एक अभ्यास था।
अस्पतालों के लिए विशेष निर्देश:
यह मॉक ड्रिल चिकित्सा संस्थानों (अस्पतालों/नर्सिंग होम) पर लागू नहीं होगी। लेकिन उन्हें खिड़कियों को पर्दों से ढकना होगा और सतर्क रहना होगा।
मॉक ड्रिल क्यों जरूरी है?
आपातकाल के समय आमतौर पर दहशत, अफवाह और अव्यवस्था फैल जाती है। ऐसे में मॉक ड्रिल न केवल प्रशासनिक तैयारियों की परीक्षा लेती है, बल्कि नागरिकों को भी मानसिक रूप से तैयार करती है। इससे जान-माल की हानि को रोका जा सकता है।
सतर्क नागरिक, सुरक्षित हरियाणा
हरियाणा सरकार की यह मॉक ड्रिल पहल एक दूरदर्शी प्रयास है जो हमें यह सिखाती है कि संकट के समय संयम, सतर्कता और सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार है।
याद रखें – यह सिर्फ एक अभ्यास है, लेकिन इसकी तैयारी असली जीवन बचा सकती है।