नई रणनीतियों और आधुनिक तंत्र से साइबर अपराधों पर काबू पाने की कोशिश, डिजिटल गिरफ्तारियों के खिलाफ महत्वपूर्ण पहल

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Digital Arrest: भारत में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों और विशेष रूप से ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी घटनाओं ने सरकार को मजबूर कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाए। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई रणनीतियाँ और योजनाएँ लागू की हैं। इन उपायों का उद्देश्य न केवल साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है, बल्कि नागरिकों को भी इस खतरे से बचाने के लिए एक सशक्त तंत्र तैयार करना है। इस लेख में, हम उन महत्वपूर्ण कदमों का विश्लेषण करेंगे जो केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों, विशेष रूप से डिजिटल गिरफ्तारी, से निपटने के लिए उठाए हैं।

भारत सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम:

  1. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईसीसी) की स्थापना
    केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के तहत ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (आईसीसी) स्थापित किया है। यह केंद्र साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक रूप से निपटने के लिए कार्य करेगा। आईसीसी का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधियों की पहचान करना और त्वरित कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना है।
  2. फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स की पहचान और ब्लॉकिंग
    कई साइबर अपराधी फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध करते हैं, जिनमें भारतीय नंबरों का इस्तेमाल होता है। केंद्र सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने एक प्रणाली तैयार की है, जिसके तहत इन कॉलों को पहचाना और ब्लॉक किया जा सकेगा।
  3. साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (सीएफएमसी)
    आई4सी में एक अत्याधुनिक साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र स्थापित किया गया है, जहां बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों की विधि प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि मिलकर कार्य करेंगे। यह केंद्र साइबर अपराधों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करेगा।
  4. सिम कार्ड और आईएमईआई ब्लॉकिंग
    भारत सरकार ने 15 नवंबर 2024 तक 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई को ब्लॉक किया है। यह कदम फर्जी सिम कार्ड के जरिए होने वाले साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए उठाया गया है।
  5. समन्वय प्लेटफॉर्म और डेटा विश्लेषण
    केंद्र सरकार ने एक समन्वय प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है, जिसे संयुक्त प्रबंधन सूचना प्रणाली (JIMS) कहा जाता है। यह प्लेटफॉर्म विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में साइबर अपराधों की शिकायतों और अपराधियों के नेटवर्क पर विश्लेषण करता है।
  6. संदिग्ध रजिस्ट्री और साइबर अपराधियों की पहचान
    आई4सी ने 10 सितंबर 2024 को साइबर अपराधियों की पहचान के लिए एक संदिग्ध रजिस्ट्री शुरू की है। इसके माध्यम से, नागरिक और विभिन्न एजेंसियां संदिग्ध अपराधियों की पहचान कर सकेंगी।
  7. नागरिकों के लिए ‘रिपोर्ट एंड चेक’ सुविधा
    नागरिकों के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है, जिसके तहत वे साइबर अपराधियों की पहचान आई4सी के डेटाबेस में खोज सकते हैं। यह सुविधा https://cybercrime.gov.in पर उपलब्ध है।
  8. फर्जी आईडी की पहचान और ब्लॉकिंग
    आई4सी ने डिजिटल गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल होने वाली फर्जी आईडी की सक्रिय पहचान और उसे ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू की है।
  9. साइबर अपराधों के खिलाफ सार्वजनिक जागरूकता अभियान
    सरकार ने साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न अभियान चलाए हैं, जिनमें सोशल मीडिया, रेडियो, और अखबारों के माध्यम से डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों पर अलर्ट किया जाता है।

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पहल

भारत सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान दिया है। इसके लिए:

  • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल
    इस पोर्टल के माध्यम से महिलाएं और बच्चे आसानी से साइबर अपराधों की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही, इन अपराधों के बारे में एफआईआर भी दर्ज की जाती है।
  • साइबर सुरक्षा और जागरूकता अभियान
    किशोरों और छात्रों के लिए साइबर सुरक्षा पर हैंडबुक्स प्रकाशित की गई हैं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

साइबर वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक

केंद्र सरकार ने साइबर वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (CFMPRS) स्थापित की है। अब तक, इस प्रणाली ने 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3431 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को बचाया है। इसके अलावा, एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ शुरू किया गया है, जो नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में सहायता करता है।

भविष्य की दिशा और चुनौतियां:

हालांकि केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों के खिलाफ कई प्रभावी कदम उठाए हैं, लेकिन यह क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है। नए साइबर अपराधियों और उनके धोखाधड़ी के तरीके हर दिन बदलते रहते हैं। ऐसे में सरकार को निरंतर नए उपायों और तकनीकी साधनों को अपनाना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साइबर अपराधों, विशेष रूप से डिजिटल अरेस्ट, के खिलाफ मजबूत कदम उठाए हैं। इन कदमों से न केवल अपराधियों पर काबू पाया जाएगा, बल्कि आम नागरिकों को भी इस खतरे से बचाया जा सकेगा। समय रहते उठाए गए इन कदमों के जरिए भारत साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर एक मजबूत स्थिति में आ सकता है।

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