PM Modi Mann ki baat: प्रधानमंत्री ने नेताजी द्वारा स्थापित आजाद हिंद रेडियो की भूमिका पर भी प्रकाश डाला

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

PM Modi Mann ki baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती और उनके पराक्रम दिवस को समर्पित करते हुए नेताजी के साहस, त्याग और उनके योगदान को याद किया। इस दौरान उन्होंने नेताजी के घर जाने के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए और आजादी की लड़ाई में उनके द्वारा स्थापित ‘आजाद हिंद रेडियो’ की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

नेताजी का योगदान आज भी प्रासंगिक

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को “भारत के अद्वितीय नायक” कहा और उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “नेताजी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल स्वतंत्रता के सपने देखे, बल्कि उसे पूरा करने के लिए साहसिक कदम उठाए।”

पीएम मोदी ने नेताजी के जीवन के संघर्ष और दूरदर्शिता को याद करते हुए कहा, “नेताजी की कहानी केवल इतिहास नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। उन्होंने युवा अवस्था में ही अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। मात्र 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता नगर निगम के सीईओ और फिर मेयर का कार्यभार संभाला। उनका नेतृत्व कौशल उनकी अद्भुत प्रतिभा का प्रमाण है।”

नेताजी के घर जाने का अनुभव

प्रधानमंत्री ने नेताजी के घर जाने का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “कुछ साल पहले, मुझे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के घर जाने का अवसर मिला। वह घर अब भी नेताजी के पराक्रम और उनकी रणनीति की कहानियों को बयां करता है। खासतौर पर वह कार, जिसमें बैठकर नेताजी अंग्रेजों को चकमा देकर निकले थे, आज भी उस घर में संरक्षित है। यह अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय था।”

उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी के घर का वातावरण ऐसा था, जो हर किसी को प्रेरणा देता है। वह घर आज भी हमारे लिए प्रेरणा का केंद्र बना हुआ है।

‘आजाद हिंद रेडियो’ और नेताजी का दूरदर्शी दृष्टिकोण

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए एक ऐसी रणनीति बनाई, जिसने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में ‘आजाद हिंद रेडियो’ का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह रेडियो स्टेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक मजबूत हथियार साबित हुआ।

पीएम मोदी ने कहा, “आजाद हिंद रेडियो केवल एक रेडियो नहीं था, बल्कि यह एक क्रांति का माध्यम था। इसने देशवासियों में स्वतंत्रता के प्रति जोश और ऊर्जा का संचार किया। रेडियो पर कई भाषाओं में समाचार प्रसारित होते थे, जो नेताजी की दूरदर्शिता और भारत की विविधता में एकता को दर्शाता है।”

नेताजी का आदर्श और नई पीढ़ी

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे नेताजी की जीवनी को पढ़ें और उनके आदर्शों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कहानी हर भारतीय को बतानी चाहिए ताकि नई पीढ़ी उनके साहस, त्याग और समर्पण से प्रेरणा ले सके।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे युवाओं को नेताजी के जीवन से सीखने की जरूरत है। उन्होंने जो आत्मनिर्भरता का संदेश दिया था, वह आज के समय में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए भी प्रासंगिक है। नेताजी के सपने को साकार करने के लिए हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलना होगा।”

पराक्रम दिवस का महत्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा, “यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी कितने संघर्ष और त्याग से हासिल हुई है। नेताजी ने हमें सिखाया कि जब लक्ष्य ऊंचा हो और हौसले बुलंद हों, तो हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।”

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बहादुरी और उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें उनके आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे पराक्रम दिवस को केवल एक औपचारिक दिवस के रूप में नहीं, बल्कि नेताजी के योगदान को समझने और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेने के रूप में मनाएं।

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