सनफ़्लावर में ‘अनोखी मोहिनी’ की निभाई भूमिका

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Rita Sanyal’ Web Series: अदा शर्मा ने पिछले दो सालों में अपने करियर में शानदार प्रदर्शन किया। केरल स्टोरी और बस्तर में दमदार अभिनय करने वाली अदा शर्मा की नई सीरीज आने वाली है जिसके प्रमोशन में वो जुटी हुई हैं। इस बीच उन्होंने सनफ़्लावर में एक ‘अनोखी मोहिनी’ की भूमिका निभाई। उनकी नई सीरीज रीता सान्याल कल ही हॉटस्टार में स्ट्रीम होने वाली है।

नकल उतारने में माहिर हैं अदा शर्मा

 अदा शर्मा नकल करने में माहिर हैं। यही कारण है कि रीता सान्याल सीरीज में वह एक वकील की भूमिका निभाती हैं जो जासूस के रूप में भी काम करती है और कई तरह के भेष धारण करती है। अदा शर्मा एक इंटरव्यू में कहती हैं कि मैं आपको यह नहीं बता सकती कि मैं एक अभिनेता या एक व्यक्ति के रूप में कितना भाग्यशाली महसूस करती हूँ। मुझे लोगों की नकल करना, उनकी भाषा बोलना बहुत पसंद है और मुझे शो में 10 अलग-अलग लोगों के रूप में यह सब करने का मौका मिला।

अदा आगे कहती हैं कि “मैं फिल्मों में हर किरदार के साथ थोड़ा-बहुत ऐसा करती थी। मैं अलग-अलग उच्चारण आजमाती हूँ, चाहे वह कमांडो में भावना रेड्डी हो या केरल स्टोरी में शालिनी। लेकिन यह एक बहुत ही बड़ी, बेहद मसाला शैली की तरह है,”

मजबूत महिला किरदारों का होना जरूरी

रीता सान्याल कॉमेडी, सस्पेंस और एक्शन का मिश्रण वाला एक मसाला शो है। अदा इस बात से सहमत हैं कि फिल्मों में अब तक पुरुष अभिनेताओं का दबदबा था, लेकिन उन्होंने बताया कि पहले भी कई ऐसी महिला कलाकार रही हैं, जिन्होंने इस तरह की बाधाओं को पार किया है। जैसे श्रीदेवी की फिल्म जो काफी पहले आई थी।

उनका मानना ​​है कि फिल्मों को लंबे समय तक चलने के लिए मजबूत महिला किरदारों का होना जरूरी है। इस बारे में इंटरव्यू में कहा “मुझे अब भी लगता है कि कोई भी फिल्म बहुत अच्छी चलती है या बहुत अच्छी तरह याद की जाती है, अगर महिला किरदार अच्छी तरह से लिखे गए हों या आपसे जुड़ते हों। यह एक पुरुष केंद्रित फिल्म हो सकती है, लेकिन अगर महिला किरदार मजबूत नहीं हैं, तो आप इसे भूल जाएंगे,”

जब लोगों ने अदा हो समझ लिया था विदेशी

अदा खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें कभी टाइपकास्ट नहीं किया गया और उन्हें अलग-अलग शैलियों में काम करने और कई तरह की भूमिकाएँ निभाने का मौका मिला। उनकी पहली फ़िल्म थी- 1920 जिसके बाद लोगों ने उन्हें विदेशी समझ लिया था यही नहीं लोगों को लगता था कि उन्हें हिंदी नहीं आती। इसके बारे में अदा बताती हैं कि “मैंने नीले रंग के लेंस पहने हुए थे, और मैं बहुत पीली दिख रही थी। वहाँ सूरज नहीं था। लंदन में हम बिल्कुल भी टैन नहीं हुए थे। वहाँ ठंड थी, इसलिए मैं नीली आँखों वाली गोरी दिखती थी, और लोगों को लगता था कि मैं विदेशी हूँ, और उन्हें लगता था कि मुझे हिंदी नहीं आती।”

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