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दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ शुरू किया अभियान

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली


Indian Citizenship:
अगर आप यह सोचते हैं कि आधार कार्ड, पैन कार्ड या राशन कार्ड आपकी भारतीय नागरिकता का पुख्ता प्रमाण हैं, तो आपको यह जानकारी जरूर पढ़नी चाहिए।

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत अब ये तीनों दस्तावेज नागरिकता का वैध प्रमाण नहीं माने जाएंगे। यह फैसला खासतौर पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या जैसे अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई को लेकर लिया गया है।

आधार, पैन और राशन कार्ड अब पर्याप्त नहीं

बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी फर्जी कागजात के जरिए नागरिकता साबित करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अब आधार, पैन और राशन कार्ड को भारतीय नागरिक होने का भरोसेमंद दस्तावेज नहीं माना जाएगा।

दिल्ली पुलिस का मानना है कि ये कागजात पहचान पत्र के तौर पर तो चल सकते हैं, लेकिन नागरिकता प्रमाण के रूप में इनकी वैधता संदेह के घेरे में है।

अब सिर्फ ये दो दस्तावेज साबित करेंगे कि आप ‘इंडियन’ हैं:

  1. वोटर ID कार्ड (मतदाता पहचान पत्र)
  2. भारतीय पासपोर्ट

यदि किसी व्यक्ति के पास इनमें से कोई एक भी दस्तावेज नहीं है, तो उसे नागरिकता साबित करने के लिए कानूनी प्रक्रिया या अदालत की शरण लेनी होगी।

निगरानी और कार्रवाई तेज

दिल्ली के सभी जिलों में पुलिस ने संदिग्ध प्रवासियों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया तेज कर दी है। हर जिले के DCP (डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस) को ज़िम्मेदारी दी गई है कि वे अवैध रूप से रहने वालों की पहचान कर डिपोर्टेशन या कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।

शरणार्थी कार्ड रखने वालों का क्या?

कुछ प्रवासी UNHCR (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त) से शरणार्थी कार्ड हासिल कर लेते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि यदि ऐसे कार्ड को भारत सरकार की मान्यता प्राप्त नहीं है, तो वह देश में रहने का वैध अधिकार नहीं देता। ऐसे मामलों में भी डिपोर्टेशन की प्रक्रिया लागू की जाएगी।

सुरक्षा कारणों से कड़ा रुख

यह सख्त कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में नागरिकों की मौत हुई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर भी सख्ती बरती है।

29 अप्रैल के बाद सभी मेडिकल वीजा अमान्य घोषित कर दिए गए हैं। दिल्ली में रह रहे 3,500 पाकिस्तानी नागरिकों में से अब तक 400 से ज्यादा मुस्लिम नागरिक स्वदेश लौट चुके हैं।

अब केवल आधार या पैन कार्ड दिखाकर कोई यह नहीं कह सकता कि वह भारतीय नागरिक है। नागरिकता साबित करने के लिए वोटर ID या पासपोर्ट होना जरूरी है। बदलते सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यह फैसला न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से जरूरी था, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है।

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