राज कपूर (Raj Kapoor) बहुत ही जिंदादिल इंसान थे। उनके बारे में कई कहानियां सुनाई जाती है। आज इस सेक्शन में हम आपको नीतू कपूर (Neetu Kapoor) द्वारा बताई गई एक कहानी पढ़ाते हैं। नीतू लिखती हैं कि राज कपूर जी ने जिस अंदाज से उनका हाथ रिषी कपूर (Rishi Kapoor) के लिए मांगा था वो आश्चर्यजनक था। बकौल नीतू, एक दिन उन्होंने मेरी मां को झुककर कहा, “अपनी सुपुत्री का हाथ मेरे लड़के को सौंप दो।” मेरी मां पूर्ण रूप से आश्चर्यचकित रह गईं। राज कपूर जैसे प्रसिद्ध व्यक्ति का इतनी नम्रता से मेरी मां को यह कहना, मेरी मां को भाव-विभोर कर गया। उनकी आंखों में आंसू थे और मेरी सगाई हो गई। उस दिन तीन स्त्रियों की सगाई हुई थी। मैं उनमें से एक थी। वे सभी परिवार के अंदर से थीं। वे सब बहुत खुश नजर आ रही थीं। मैं भी बहुत खुश थी।

एक दिन जब हम लोनी स्थित अपने फार्म पर थे, पापा राज कपूर ने हमारे लिए रात को खाना बनाया। खाना खाते समय उन्होंने मुझसे कहा, “तुम ठीक हो, पर बाकी दोनों के प्रति मैं उतना आश्व नहीं हूं!” यह बात हैरान करने वाली थी।

एक वर्ष के भीतर दूसरी दोनों सगाइयां टूट गईं। दरअसल, राज कपूर बड़े अंतर्ज्ञानी और भावुक व्यक्ति थे । उनको मानवीय भावनाओं कागहरा ज्ञान था। नीतू लिखती हैं कि उनकी शादी वर्ष 1980 में हो गई। तब वो बहुत छोटी और बहुत अधिक घबराई हुई थी कि नए माहौल में एक नए पारिवारिक सदस्य के तौर पर कैसे निभाऊँगी? नीतू अपने ससुराल वालों को प्रभावित करना चाहती थी, इसलिए खाना बनाना सीखना शुरू कर दिया।

एक दिन नीतू ने काली दाल बनाई। हर व्यक्ति बहुत उत्साहित था। हालांकि दाल भयानक रूप से खराब बनी थी, पर राज कपूर ने नीतू की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैंने इससे अच्छी दाल अपने जीवन में कभी नहीं खाई । ” नीतू की आंखों से आंसू निकल पड़े।

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