सुपरस्टार राज कपूर (Raj Kapoor) ने 1957 में एक फिल्म बनाई थी, जिसका नाम था अब दिल्ली दूर नहीं (Ab Delhi Dur Nahin)। यह फिल्म एक किशाेर की जिंदगी पर आधारित थी जो पीएम से मिलने के लिए पदयात्रा करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस फिल्म को बनाने का आईडिया कैसे आया था। राज कपूर को दरअसल, इस तरह की फिल्म बनाने का सुझाव पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने दिया था। राज कपूर तो जवाहर लाल नेहरू को भी फिल्म में शामिल करना चाहते थे लेकिन ऐन वक्त पर ऐसा संभव नहीं हो सका। आइए Old is Gold सेक्शन में आपको पढ़ाते हैं इस फिल्म के पीछे की दिलचस्प कहानी।
जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात
एक बार निर्देशक अभिनेता राज कपूर की जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात हुई। नेहरू जी ने इस बात पर दुःख प्रकट किया कि बच्चों के लिए फिल्में नहीं बनतीं। उन्होंने इस बात का वादा भी किया कि अगर ऐसी कोई फिल्म बनती है तो वे अपना कुछ बहुमूल्य व्यक्तिगत समय शूटिंग के लिए देंगे। उसके प्रत्युत्तर में राज कपूर ने फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ की शूटिंग आरंभ कर दी। यह फिल्म एक युवा होते बच्चे के बारे में है, जो अपने अनुचित रूप से गिरफ्तार किए गए पिता को न्याय दिलाने के लिए अपने गांव से दिल्ली तक की पदयात्रा करता है। उसके पास न तो पैसा है और न ही कोई अन्य साधन, सिवाय इसके कि उसे पूर्ण विश्वास है कि चाचा नेहरू उसे न्याय दिलाने में सहायता करेंगे। अपनी लंबी यात्रा के दौरान वह कुछ उदार लोगों से मिलता है और अंत में वह बच्चा नेहरू से मिलने में कामयाब हो जाता है।
नेहरू ने मना कर दिया
पंडित नेहरू ने राज कपूर को इस तरह की फिल्म के लिए बहुमूल्य समय निकालने का वादा किया था। लेकिन नेहरू की टीम ने उन्हें फिल्म में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी। जिसका नतीजा निकला कि नेहरू नेे जी फिल्म में रोल निभाने से मना कर दिया। बता दें कि राज कपूर, देव आनंद (Dev Anand) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से इस बारे में मुलाकात भी की थी। इस बात का जिक्र खुद देव आनंद ने एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि “हम तीनों अभिनेताओं की पंडित नेहरू से आखिरी मुलाकात दिल्ली में हुई थी। हमने उस मुलाकात में नेहरू के साथ दो घंटे बिताए थे। वह एक बच्चे की तरह थे और हम बिल्कुल उनके पोते जैसे। उस मुलाकात में हम बिल्कुल उनके फैंस के जैसे थे और एक-दूसरे से मजाक ही कर रहे थे।