भारतीय रिजर्व बैंक ने छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को नए साल का तोहफा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कृषि क्षेत्र में सुधार और छोटे व सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कृषि ऋण की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। यह कदम कृषि की बढ़ती लागत और मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए लिया गया है।
कृषि क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने और किसानों के लिए ऋण की पहुंच को सरल बनाने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने 1.6 लाख रुपये की वर्तमान कृषि ऋण सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है। यह नई व्यवस्था 1 जनवरी, 2025 से लागू होगी।
आरबीआई के निर्देशों की मुख्य बातें:
- अतिरिक्त प्रतिभूति की आवश्यकता समाप्त:
2 लाख रुपये तक के कृषि ऋणों के लिए अब बैंकों को अतिरिक्त प्रतिभूति और मार्जिन की आवश्यकता नहीं होगी। - समय पर ऋण वितरण:
सभी बैंकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार समय पर ऋण उपलब्ध कराया जाए। - जागरूकता अभियान:
बैंकों को किसानों और हितधारकों के बीच इस नई योजना के लाभों का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा गया है।
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?
- यह निर्णय छोटे और सीमांत किसानों (86% से अधिक कृषक समुदाय) को सीधे लाभ पहुंचाएगा।
- बिना अतिरिक्त प्रतिभूति के ऋण लेने की सुविधा किसानों के लिए कृषि कार्यों में निवेश करना आसान बनाएगी।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): इस नीति के तहत किसान क्रेडिट कार्ड पर 3 लाख रुपये तक का ऋण केवल 4% ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
सरकार का दीर्घकालिक दृष्टिकोण
यह निर्णय वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और सतत कृषि के लिए सरकार की दीर्घकालिक योजना के अनुरूप है। कृषि क्षेत्र में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।