shiv mandir
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, और दिल्ली में ऐसे कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं जहाँ दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार किन मंदिरों में जाना फलदायी होगा।

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

sawan somwar 2025: सावन का महीना शुरू हो चुका है, और भगवान शिव के भक्तों के लिए यह समय विशेष महत्व रखता है। इस पवित्र महीने में, विशेष रूप से सावन के सोमवारों को भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। दिल्ली, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का केंद्र होने के नाते, कई ऐसे प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिरों का घर है जहाँ सावन के पहले सोमवार को दर्शन करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

इन मंदिरों में न केवल भगवान शिव की अद्भुत मूर्तियाँ हैं, बल्कि इनसे जुड़ी गहरी आस्था और इतिहास भी भक्तों को आकर्षित करते हैं। यदि आप भी इस सावन के पहले सोमवार भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं, तो दिल्ली के इन प्रमुख मंदिरों के दर्शन अवश्य करें।

दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मंदिर: आस्था और इतिहास का संगम

दिल्ली में स्थित शिव मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि ये शहर की ऐतिहासिक धरोहर का भी हिस्सा हैं। हर मंदिर की अपनी अनूठी कहानी और वास्तुकला है, जो इसे खास बनाती है। सावन के महीने में इन मंदिरों की रौनक और बढ़ जाती है, और दूर-दूर से भक्त यहाँ भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।

गौरी शंकर मंदिर, चांदनी चौक: आस्था का सदियों पुराना केंद्र

चांदनी चौक के खचाखच भरे इलाके में स्थित गौरी शंकर मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शिव मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 800 साल पुराना है। इसकी ऐतिहासिकता और भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था के कारण सावन के महीने में यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर सावन के सोमवारों को। मंदिर में स्थापित शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्तियाँ अत्यंत मनमोहक हैं।

  • विशेषता: मंदिर की प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्व।
  • सावन में महत्व: पहले सोमवार को यहाँ दर्शन करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

प्राचीन शिव मंदिर, कनॉट प्लेस: पांडवों से जुड़ा इतिहास

कनॉट प्लेस के मध्य में स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर भी दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। मान्यता है कि इस मंदिर का संबंध पांडवों से है, जिन्होंने यहाँ भगवान शिव की आराधना की थी और उनसे वचन प्राप्त किया था। मंदिर की शांत और दिव्य वातावरण भक्तों को शांति और सुकून प्रदान करता है। सावन के महीने में, खासकर पहले सोमवार को, यहाँ विशेष पूजा-अर्चना की जाती है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।

  • विशेषता: पांडवों से जुड़ा ऐतिहासिक महत्व और केंद्रीय स्थान।
  • सावन में महत्व: पहले सोमवार को यहाँ दर्शन करने से भक्तों को धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

गुफा वाला शिव मंदिर, प्रीत विहार: अद्भुत संरचना और गहरी आस्था

पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार में स्थित गुफा वाला शिव मंदिर अपनी अनूठी संरचना के लिए जाना जाता है। मंदिर के अंदर एक कृत्रिम गुफा बनाई गई है, जो इसे एक विशेष आकर्षण प्रदान करती है। सावन के महीने में इस मंदिर की सजावट देखते ही बनती है, और पहले सोमवार को यहाँ भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर का शांत वातावरण ध्यान और प्रार्थना के लिए उत्तम है।

  • विशेषता: अनूठी गुफा जैसी संरचना और शांत वातावरण।
  • सावन में महत्व: पहले सोमवार को यहाँ दर्शन करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

नीली छतरी मंदिर, यमुना बाजार: महाभारत कालीन मान्यता

यमुना बाजार के पास स्थित नीली छतरी मंदिर दिल्ली के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में गिना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में युधिष्ठिर ने करवाया था। मंदिर का नाम इसकी नीले रंग की छतरी के कारण पड़ा, जो इसे एक विशेष पहचान देती है। सावन के महीने में, खासकर पहले सोमवार को, इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन करना एक विशेष अनुभव होता है।

nili chatri mandir
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  • विशेषता: महाभारत काल से जुड़ी प्राचीन मान्यता और नीली छतरी।
  • सावन में महत्व: पहले सोमवार को यहाँ दर्शन करने से भक्तों को धर्म और सत्य के मार्ग पर दृढ़ रहने की शक्ति मिलती है।

मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर, दिल्ली-गुड़गांव रोड: भव्यता और दिव्यता का संगम

दिल्ली-गुड़गांव रोड पर स्थित मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर अपनी भव्यता और दिव्यता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में स्थापित भगवान शिव की 100 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा भक्तों को दूर से ही आकर्षित करती है। सावन के महीने में यहाँ विशेष आयोजन होते हैं और पहले सोमवार को हजारों भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं। मंदिर का विशाल परिसर और सुंदर वातावरण भक्तों को शांति प्रदान करता है।

  • विशेषता: भगवान शिव की 100 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा और भव्य परिसर।
  • सावन में महत्व: पहले सोमवार को यहाँ दर्शन करने से भक्तों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

सावन के पहले सोमवार दर्शन का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, और सावन के सोमवारों का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने और उनका अभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें विशेष कृपा प्राप्त होती है। पहले सोमवार का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह पूरे सावन मास की शुभ शुरुआत का प्रतीक है।

Q&A

Q1: दिल्ली में सावन के पहले सोमवार दर्शन के लिए कौन से मंदिर प्रमुख हैं?

A1: गौरी शंकर मंदिर (चांदनी चौक), प्राचीन शिव मंदिर (कनॉट प्लेस), गुफा वाला शिव मंदिर (प्रीत विहार), नीली छतरी मंदिर (यमुना बाजार), और मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर (दिल्ली-गुड़गांव रोड) प्रमुख हैं।

Q2: सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का क्या महत्व है?

A2: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में उनकी पूजा-अर्चना करने से भक्तों को विशेष कृपा मिलती है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Q3: क्या इन मंदिरों का कोई ऐतिहासिक महत्व भी है?

A3: हाँ, इनमें से कई मंदिर सदियों पुराने हैं और उनका गहरा ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है, जैसे कि प्राचीन शिव मंदिर का पांडवों से और नीली छतरी मंदिर का महाभारत काल से जुड़ा होना।

Q4: सावन के पहले सोमवार मंदिरों में किस प्रकार की पूजा-अर्चना की जाती है?

A4: सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है।

Q5: क्या इन मंदिरों में सावन के दौरान बहुत भीड़ होती है?

A5: हाँ, सावन के महीने में और विशेष रूप से सोमवारों को इन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ होती है। इसलिए सुबह जल्दी दर्शन के लिए जाना बेहतर हो सकता है।

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