विक्रांत मैसी ने अपने अभिनय से दर्शकों का जीता दिल, सोशल मीडिया पर छाये
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Sector 36 Movie Review: 12वीं. फेल फेम एक्टर्स विक्रांत मैसी की दिल दहला देने वाली फिल्म रिलीज हो गई है। यह फिल्म साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव में हुए हत्याकांड पर बनी है जिस घटना से पूरा शहर सहम गया था। अब इसी सिहरा देने वाली घटना की भयावह यादें ताजा करती है ‘सेक्टर 36’ फिल्म। मेकर्स हालांकि फिल्म को सिर्फ कई सच्ची घटनाओं से प्रेरित बता रहे हैं पर असल में यह निठारी केस की ही तमाम परतें खोलती है।
‘सेक्टर 36’ मूवी की कहानी
फिल्म ‘सेक्टर 36’ की कहानी एक कोठी में शुरू होती है, जहां प्रेम सिंह (विक्रांत मैसी) सोफे पर लेटे हुए टीवी पर करोड़पति बनाने वाला शो देख रहा होता है। शो खत्म होने के बाद वो प्लेट में पड़ी हड्डियां साफ करके ऊपर अपने कमरे में पहुंचता है, जहां पहले से बंधी स्कूली बच्ची को बेरहमी से मौत के घाट उतार देता है। फिल्म में आगे दिखाया गया है कि कोठी के पास की बस्ती से लगातार बच्चे गायब हो रहे हैं। उनके माता-पिता थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राम चरण पांडे (दीपक डोबरियाल) के पास लगातार शिकायत दर्ज कराने आ रहे हैं, पर पांडे जी कुछ नहीं करते लेकिन एक दिन उनकी खुद की बेटी अगवा हो जाती है जिसके बाद फिर एक बाद एक कई खुलासे होते हैं।
‘सेक्टर 36’ मूवी रिव्यू
फिल्म के निर्देशक आदित्य निंबालकर की ये पहली ही फिल्म है जिसमें उन्होंने संवेदनशील और सनसनीखेज रह चुके विषय को चुना है। वह गंभीरता से पर्दे पर उतारने में कामयाब रहे हैं। आदित्य ने ऐसे वारदात करने वाले साइकोपैथ की मनोदशा, अमीर-गरीब की खाई, सिस्टम की खामियां जैसे पहलुओं को भी बखूबी पिरोया है। फिल्म में बहुत ही घटनाएं ऐसी हैं जिससे दिमाग के पर्दे खुल जाएंगे। इसमें दिखाया गया है कि कैसे अमीर बिजनेसमैन के बेटे को दो दिन में खोज निकालने वाली पुलिस गरीब बच्चों की गुमशुदगी को लेकर दो साल तक कानों में तेल डाले बैठी रहती है। यह आपको सोचने में मजबूर कर देगा।
‘सेक्टर 36’ मूवी में एक्टिंग
फिल्म में प्रेम सिंह के रोल में विक्रांत मैसी ने ऐसी कलाकारी दिखाई है कि आप खुद उनसे नफरत करने लगेंगे। जैसे वो विक्रांत नहीं सच में हत्यारा प्रेम सिंह हों। दीपक डोबरियाल ने इंस्पेक्टर पांडे के रूप में शानदार अभिनय दिखाते हुए प्रेम सिंह से पूछताछ करते हैं। फिल्म कमजोर दिल वाले भूलकर भी न देखें।