भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता, सेंसेक्स 58,000 से नीचे
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Share market: नए साल की शुरुआत में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। आज (3 जनवरी 2025) सेंसेक्स 670 अंक टूटकर 58,000 के स्तर से नीचे पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी 200 अंक से अधिक गिरावट के साथ बंद हुआ। यह गिरावट कई प्रमुख कारणों से हुई है, जो बाजार पर दबाव बना रहे हैं। आइए जानते हैं उन 4 मुख्य कारणों के बारे में, जिन्होंने बाजार में इस बड़ी गिरावट को जन्म दिया:
1. वैश्विक आर्थिक मंदी का असर
नए साल की शुरुआत में दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी है। अमेरिका और यूरोप में आर्थिक विकास धीमा पड़ने की आशंका और चीन में रियल एस्टेट संकट ने वैश्विक बाजारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके असर से भारतीय शेयर बाजार में भी भारी बिकवाली देखने को मिली। निवेशकों ने सतर्क रहते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से बाहर निकलना शुरू कर दिया, जिससे भारतीय बाजार में गिरावट आई।
2. ब्याज दरों में वृद्धि की चिंता
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा पिछले कुछ महीनों में ब्याज दरों में वृद्धि से बैंकों का ऋण महंगा हो गया है। इसके चलते कंपनियों के लिए निवेश की लागत बढ़ गई है और बाजार में निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा है। उच्च ब्याज दरों की आशंका निवेशकों को बाजार से दूर कर रही है, जिससे गिरावट का दौर जारी है।
3. कॉर्पोरेट नतीजों में गिरावट के संकेत
कुछ प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणामों में कमी आई है और उनके मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई है। खासकर ऑटो, आईटी और उपभोक्ता वस्त्र कंपनियों के परिणाम उम्मीदों से नीचे रहे, जिससे निवेशकों ने इन कंपनियों के शेयरों को बिकवाली के दबाव में डाल दिया। यही कारण है कि सेंसेक्स में तेज गिरावट देखी गई।
4. घरेलू राजनीतिक और वित्तीय अस्थिरता
देश की राजनीतिक स्थिति और वित्तीय नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। आगामी राज्य चुनावों और केंद्रीय बजट की घोषणाओं को लेकर निवेशक सतर्क हो गए हैं, और किसी भी नकारात्मक खबर से बाजार में बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से, सरकार के नए आर्थिक फैसलों को लेकर निवेशक आशंकित हैं, जिससे बाजार में हलचल बढ़ी है।
निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह
विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार की अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को अपनी रणनीति पर पुनः विचार करना चाहिए और जोखिम को सीमित करने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, लंबे समय के निवेशक अधिक विवेकपूर्ण निर्णय लें और मौजूदा गिरावट का लाभ उठाने के लिए अपनी पोर्टफोलियो की समीक्षा करें।
निष्कर्ष
सेंसेक्स में 670 अंकों की गिरावट ने निवेशकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं, लेकिन यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, यदि आर्थिक और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है। हालांकि, फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहना और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए।