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Shark Tank India-4: बच्चों का आइडिया देख बड़ों ने जताई हैरानी, बिजनेस को मिला बूम

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Shark Tank India-4: शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन का 10वां एपिसोड एक खास ‘कैंपस एपिसोड’ था, जिसमें युवाओं के बिजनेस आइडिया और उनके जुनून को मंच पर दिखाया गया। इस एपिसोड में 19 साल की ड्युमना मदान और शिवोम सूद ने अपनी कंपनी प्रोजेक्ट क्ले के साथ शार्क्स का ध्यान खींचा। इन दोनों ने अपने आत्मविश्वास और यूनिक बिजनेस आइडिया से शार्क्स को प्रभावित किया और दिखाया कि युवाओं के पास दुनिया को बदलने का जज़्बा होता है।

प्रोजेक्ट क्ले: एक नया तरीका कॉलेज काउंसलिंग का

प्रोजेक्ट क्ले एक इन्नोवेटिव प्लेटफॉर्म है, जो स्कूल के छात्रों को उनके सपनों की यूनिवर्सिटी के छात्रों से जोड़ता है। यह प्लेटफॉर्म ‘Elder Sibling’ एप्रोच के तहत कॉलेज काउंसलिंग का काम करता है। 300 से ज्यादा वेटेड मेंटर्स (Vetted Mentors) और 10 से अधिक देशों में मौजूद ये मेंटर्स छात्रों को उनके भविष्य के बारे में मार्गदर्शन देते हैं। पिछले पांच महीनों में इस प्लेटफॉर्म ने 65% की ग्रोथ हासिल की है, जो इसकी सफलता का प्रमाण है।

ड्युमना की प्रेरणादायक यात्रा

गोवा की रहने वाली ड्युमना मदान ने शार्क्स को अपनी यात्रा के बारे में बताया। 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ने वाली ड्युमना ने कोरोना महामारी के दौरान एक ऑनलाइन बेकिंग बिजनेस शुरू किया, जिससे उन्होंने 8 लाख रुपये की कमाई की। इसके बाद, उन्होंने दो EdTech कंपनियों में इंटर्नशिप की और एक कंपनी के फाउंडर से संपर्क कर कंटेंट राइटिंग की नौकरी प्राप्त की। यह अनुभव उनके लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ, जिसने उन्हें अपने बिजनेस आइडिया को आकार देने में मदद की।

शार्क्स का रिएक्शन और डील की शुरुआत

ड्युमना और शिवोम ने शार्क्स से 1.5 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 10% इक्विटी के बदले 15 लाख रुपये की मांग की। नमिता थापर ने इन दोनों को उनकी मांगी गई वैल्यूएशन पर 15 लाख रुपये के लिए डील ऑफर की। विनिता सिंह ने ड्युमना को ‘पटाखा’ कहा और उनकी ऊर्जा की तारीफ की। हालांकि, विनीता के अलावा किसी भी शार्क ने पैसे नहीं लगाए, क्योंकि कुछ शार्क्स ने बिजनेस में स्केलेबिलिटी और भरोसे की कमी को लेकर चिंताएं जताई।

प्रोजेक्ट क्ले की कमाई और भविष्य की योजना

प्रोजेक्ट क्ले ने जून में 22,900 रुपये, जुलाई में 41,800 रुपये, अगस्त में 90,600 रुपये, और सितंबर में 1,37,000 रुपये की कमाई की। अब कंपनी का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में 10 गुना वृद्धि हासिल करना है, और इसके लिए 3.7 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया है।

ड्युमना और शिवोम की प्रेरणादायक यात्रा यह साबित करती है कि अगर जुनून और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। प्रोजेक्ट क्ले के जरिए वे न केवल छात्रों को सही मार्गदर्शन दे रहे हैं, बल्कि कॉलेज काउंसलिंग के तरीके को भी बदल रहे हैं। अब यह देखना होगा कि भविष्य में उनकी कंपनी और भी कितनी ऊंचाइयों को छूती है।

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