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Shark Tank India-4 के जजों ने भी बिजनेस को सराहा, सोशल मीडिया पर चर्चा

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Shark Tank India-4 पिछले कुछ वर्षों में गाय के गोबर से उत्पाद बनाने वाले कई स्टार्टअप्स ने बाजार में कदम रखा है। एक ऐसा ही स्टार्टअप “मिडास पेंट्स” (Midas Paints) शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में दिखा। यह स्टार्टअप पुणे से है और गोबर से ईको-फ्रेंडली पेंट बनाता है। इसकी शुरुआत चार दोस्तों मयूर चानगुड़े, मयूर राजपूत, सचिन और अक्षय ने मिलकर की थी।

गाय के गोबर से बना ईको-फ्रेंडली पेंट

फाउंडर्स के अनुसार, पुराने समय में गाय के गोबर से घरों की दीवारों की लिपाई की जाती थी। गोबर न केवल ईको-फ्रेंडली होता है, बल्कि इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी होते हैं। गाय के गोबर से बने पेंट की कीमत सामान्य पेंट से 20 फीसदी कम होती है। फिलहाल कंपनी के पास 15,000 से ज्यादा कलर शेड्स हैं और पिछले 3 सालों में इसने 3 लाख किलो से अधिक पेंट बेचा है।

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बचपन के दोस्तों ने बनाई मल्टी-करोड़ की कंपनी

मिडास पेंट्स के चारों फाउंडर्स बचपन के दोस्त हैं और वे आपस में जूनियर-सीनियर हैं। मयूर राजपूत ने पढ़ाई के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया, लेकिन 2021 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की। मयूर चानगुड़े ने पढ़ाई के बाद खेती शुरू की, जबकि सचिन और अक्षय दोनों इस बिजनेस के साथ-साथ अन्य व्यवसाय भी चला रहे हैं। शार्क्स ने मजाक करते हुए कहा कि ये चार लोग मिलकर 5 कंपनियां चला रहे हैं।

बिजनेस मॉडल और मार्केट स्ट्रेटेजी

मिडास पेंट्स पूरी तरह से डी2सी (Direct to Consumer) मॉडल पर काम करता है। कंपनी ने सोशल मीडिया मार्केटिंग का भरपूर उपयोग किया है, जिससे उसकी पहचान बनी है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उनके हजारों फॉलोअर्स हैं। इसके अलावा, वे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी अपने प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं।

फाउंडर्स अभी नहीं ले रहे सैलरी

फाउंडर्स के अनुसार, वे इस स्टार्टअप से कोई सैलरी नहीं ले रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए पैसा चाहिए। मयूर राजपूत इस बिजनेस में सबसे ज्यादा काम कर रहे हैं, जबकि बाकी फाउंडर्स पार्ट-टाइम इसमें योगदान दे रहे हैं। मयूर के पास 55 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बाकी तीन फाउंडर्स के पास 15-15 फीसदी हिस्सेदारी है।

पेटेंट और सरकारी योजनाओं का लाभ

कंपनी ने गाय के गोबर से पेंट बनाने के लिए पेटेंट भी अप्लाई किया है। सरकार भी ऐसे ईको-फ्रेंडली इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में गोबर से बने उत्पादों को प्रमोट करने की बात कही थी। इसके अलावा, सरकार की कई योजनाएं हैं जो स्टार्टअप्स को सपोर्ट करती हैं, जैसे “स्टार्टअप इंडिया” और “मुद्रा योजना”।

5 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य

जब मिडास पेंट्स ने 2021 में शुरुआत की, तब उसकी बिक्री केवल 15 लाख रुपये थी। 2022-23 में यह बढ़कर 45 लाख रुपये हुई, और 2023-24 में बिक्री 75 लाख रुपये तक पहुंच गई। 2024-25 में अक्टूबर तक कंपनी ने 60 लाख रुपये की बिक्री की है, और अब उसका लक्ष्य पूरे साल में 5 करोड़ रुपये की बिक्री करना है। अच्छी बात यह है कि कंपनी का एबिटडा 25-30 फीसदी के बीच है, जो बताता है कि यह बूटस्ट्रैप्ड और प्रॉफिटेबल कंपनी है।

शार्क्स से फंडिंग लेने में आई मुश्किलें

फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप की 5 फीसदी इक्विटी के लिए 3 करोड़ रुपये की फंडिंग मांगी। हालांकि, किसी भी शार्क को यह बात ठीक नहीं लगी कि फाउंडर्स इस बिजनेस को पार्ट-टाइम तरीके से चला रहे हैं। इसके अलावा, वे यह भी स्पष्ट नहीं कर पाए कि वे कितनी कमाई कर रहे हैं। अनुपम मित्तल ने डील से बाहर होते हुए कहा, “उम्मीद है आप गोबर के गब्बर बनें।“

गोबर से बने अन्य उत्पाद


“गोबर से सिर्फ पेंट ही नहीं, बल्कि अगरबत्ती, फर्टिलाइज़र, बायोगैस और ग्रीन बिल्डिंग मैटेरियल भी बनाए जा रहे हैं। इससे किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को नया बिजनेस मॉडल मिला है।”

शार्क्स का फीडबैक और सीख


“शार्क टैंक इंडिया के निवेशकों ने इस बिजनेस को सराहा, लेकिन फाउंडर्स के पार्ट-टाइम अप्रोच पर सवाल उठाए। यह स्टार्टअप्स के लिए एक सबक है कि वे अपने बिजनेस पर पूरा ध्यान दें।”

क्या आप भी इस बिजनेस में मौका देख रहे हैं?

गोबर से पेंट बनाना न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है बल्कि एक तेजी से बढ़ता हुआ बिजनेस भी बन सकता है। अगर आपके पास इनोवेटिव आइडिया है, तो आप भी इस तरह के स्टार्टअप की शुरुआत कर सकते हैं। सरकार की मदद से यह बिजनेस और भी बड़ा बन सकता है। क्या आप भी इस बिजनेस में निवेश करने या इसे शुरू करने की सोच रहे हैं? हमें कमेंट में बताएं!

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