दो ब्रांड्स से ₹1 करोड़ की फंडिंग! यह कहानी जानकर हो जाएंगे हैरान!
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Shark tank india: शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में एक स्टार्टअप ने अपनी मेहनत और संघर्ष से सबको हैरान कर दिया। गुरुग्राम की रहने वाली आसिमा बत्रा और उनके परिवार ने अपनी शुरुआत 2022 में की थी। इस स्टार्टअप के अंतर्गत दो ब्रांड शामिल हैं— दोराबी (Dorabi) और आमिली (Aamili)। हालांकि आसिमा के लिए ये सफर आसान नहीं था। उनका पहला ब्रांड निराया (Neraya) जो 2020 में लॉन्च किया गया था, कुछ ही समय में डूब गया था। इस असफलता से सीख लेते हुए उन्होंने दो साल में दो नए और सफल ब्रांड खड़े किए।
निराया का असफल सफर और उससे सीखी गईं बातें
आसिमा और उनके पापा ने निराया ब्रांड शुरू किया था, लेकिन इस ब्रांड के साथ उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हुआ। आसिमा के पापा को करीब ₹70 लाख का भारी नुकसान हुआ। निराया का बिजनेस इतना डूबा कि उसकी रिटर्न रेट 50 फीसदी तक पहुँच गई थी, जिससे ब्रांड की स्थिति और भी खराब हो गई।
वेब स्टोरी
हालांकि, इस असफलता ने आसिमा को कुछ सिखाया और वह फोकस करती हैं कि किस तरह से अपने अगले बिजनेस को सफल बनाएं। उन्होंने खुद ही फैशन ब्रांड लॉन्च करने का फैसला किया और दोराबी और आमिली जैसे ब्रांड्स को शुरू किया। उनका नया बिजनेस कारीगरों को रोजगार देने और ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता के उत्पाद देने पर आधारित था।
दोराबी और आमिली ब्रांड का सफल सफर
आसिमा ने अपने पापा के साथ मिलकर दोराबी और आमिली ब्रांड को लॉन्च किया। उनके पास खुद की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है, जिससे वह गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आने देते। आसिमा का मानना है कि उनकी फैशन कंपनी के कपड़े कभी भी और कहीं भी पहने जा सकते हैं, और यह इंक्लूसिव साइज में होते हैं, जो फैशन इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बूटस्ट्रैप्ड और प्रॉफिटेबल बिजनेस
आसिमा के स्टार्टअप में 50% इक्विटी आसिमा के पास है, जबकि उनके पापा और मम्मी के पास 25-25% इक्विटी है। इस स्टार्टअप ने 2022-23 में ₹36 लाख की कमाई की और 2023-24 में ₹3.45 करोड़ का टर्नओवर हासिल किया। उनकी वेबसाइट से ही उनका पूरा बिजनेस चलता है और जल्द ही वह प्रीमियम मार्केटप्लेस पर भी अपने प्रोडक्ट्स लिस्ट करने की योजना बना रही हैं।
शार्क टैंक में मिली 1 करोड़ की फंडिंग
आसिमा बत्रा ने शार्क टैंक इंडिया में अपनी कंपनी के 3% इक्विटी के बदले ₹75 लाख की फंडिंग की मांग की। कुणाल और नमिता तो डील से बाहर हो गए, लेकिन रितेश, अमन और अनुपम ने दिलचस्पी दिखाई। अनुपम ने 5% इक्विटी के बदले ₹75 लाख की पेशकश की, वहीं रितेश ने ₹40 लाख के बदले 2% इक्विटी और ₹35 लाख लोन देने का ऑफर दिया। अंत में, अमन और अनुपम ने मिलकर 4% इक्विटी के बदले ₹1 करोड़ की फंडिंग दी।
आसिमा का संदेश
आसिमा बत्रा का यह सफर हमें यह सिखाता है कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनसे सीखकर नए रास्ते पर चलना चाहिए। अगर आपकी मेहनत सच्ची है, तो सफलता जरूर मिलेगी। आसिमा ने साबित कर दिया कि जब आप सही दिशा में काम करते हैं और सही समर्थन मिलता है, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। आसिमा और उनके परिवार का यह सफर निश्चित रूप से प्रेरणादायक है और भविष्य में उनके ब्रांड और भी ऊँचाइयों तक पहुँचने की उम्मीद है।
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