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SIP Calculator: सिर्फ 1 ट्रिक से 3.5 करोड़ की SIP बनेगी 7 करोड़! लोग नहीं जानते इस ‘टॉप-अप’ सीक्रेट को

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SIP calculator
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हर साल बस थोड़ा-सा बढ़ाएं SIP की रकम, पाएं 50 लाख से ज्यादा एक्स्ट्रा रिटायरमेंट फंड – जानिए ये कमाल का फार्मूला

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

SIP Calculator: क्या आप जानते हैं कि आपकी छोटी-सी SIP सालों बाद करोड़ों में बदल सकती है? लेकिन अगर आप SIP टॉप-अप का यह सीक्रेट फॉर्मूला आजमा लें, तो आपकी रिटायरमेंट की रकम उम्मीद से दोगुनी भी हो सकती है। जानिए कैसे हर साल सिर्फ 10% की बढ़ोतरी से आप बना सकते हैं 7 करोड़ का फंड।

SIP में टॉप-अप क्या होता है?

SIP टॉप-अप (Top-Up SIP) एक ऐसा निवेश तरीका है जिसमें आप हर साल अपनी मासिक SIP राशि को थोड़ी-थोड़ी बढ़ाते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आपने ₹10,000 प्रति माह की SIP शुरू की और हर साल इसमें 10% का टॉप-अप जोड़ दिया, तो अगले साल यह ₹11,000 हो जाएगी, फिर ₹12,100 और इसी तरह बढ़ती जाएगी।

क्यों जरूरी है SIP टॉप-अप?


1. बढ़ती आय का बेहतर इस्तेमाल:

सैलरी हर साल बढ़ती है, लेकिन अगर SIP स्थिर रहे तो वह बढ़ी आय अनावश्यक खर्चों में चली जाती है। SIP टॉप-अप उस बढ़ी इनकम को सही दिशा देता है।


2. महंगाई को पछाड़ना:

महंगाई समय के साथ हमारे पैसे की वैल्यू घटाती है। SIP को हर साल बढ़ाने से आप अपनी निवेश की ताकत को महंगाई से ऊपर रख सकते हैं।


3. लक्ष्य जल्दी हासिल:

ज्यादा निवेश = बड़ा फंड = लक्ष्य तक जल्दी पहुंचना। इससे रिटायरमेंट की टेंशन खत्म हो सकती है।


4. कम्पाउंडिंग का कमाल:

जितना ज्यादा निवेश, उतना ज्यादा ब्याज। और फिर उस ब्याज पर और ब्याज – यही है कंपाउंडिंग की असली ताकत, जो टॉप-अप से दोगुनी हो जाती है।

sip calculator
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आंकड़ों से समझिए – ₹50 लाख से ज्यादा का फायदा कैसे?

सामान्य SIP (बिना टॉप-अप):

  • मासिक निवेश: ₹10,000
  • अवधि: 30 साल
  • अनुमानित रिटर्न: 12%
  • कुल निवेश: ₹36 लाख
  • फाइनल फंड: ₹3.53 करोड़

SIP + 10% सालाना टॉप-अप:

  • शुरुआती निवेश: ₹10,000
  • हर साल 10% बढ़ोतरी
  • अनुमानित रिटर्न: 12%
  • कुल निवेश: ₹1.97 करोड़
  • फाइनल फंड: ₹7.00 करोड़

 फायदा: ₹3.47 करोड़ ज्यादा यानी ₹50 लाख से भी कहीं अधिक।

कैसे करें SIP टॉप-अप?

  1. म्यूचुअल फंड ऐप या प्लेटफॉर्म पर SIP शुरू करते समय “Top-Up” का विकल्प चुनें
  2. टॉप-अप की राशि या प्रतिशत सेट करें – जैसे ₹1000 या 10% सालाना
  3. पहले से चल रही SIP में भी टॉप-अप बाद में जोड़ सकते हैं
  4. एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि आपकी सैलरी ग्रोथ के हिसाब से 10% टॉप-अप आदर्श है

टॉप-अप SIP (Top-Up SIP) के लाभ और जोखिम

लाभ (Benefits):


1. धीरे-धीरे निवेश बढ़ाने की सुविधा:

हर साल अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार SIP राशि बढ़ाना आसान होता है। आपको एक बार में बड़ा अमाउंट लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।


2. महंगाई से बचाव:

महंगाई के साथ निवेश बढ़ाने से रिटर्न की वैल्यू रियल टर्म्स में सुरक्षित रहती है। ₹10,000 आज की वैल्यू 10 साल बाद कम हो जाएगी, लेकिन टॉप-अप से आप इसे बैलेंस कर सकते हैं।


3. कम्पाउंडिंग का ज़बरदस्त असर:

जैसे-जैसे निवेश बढ़ेगा, वैसे-वैसे उस पर मिलने वाला ब्याज और फिर उस ब्याज पर दोबारा ब्याज बढ़ेगा। यह एक्सपोनेंशियल ग्रोथ देता है।


4. बड़े फाइनेंशियल लक्ष्यों के लिए फायदेमंद:

रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा, घर खरीदने जैसे बड़े लक्ष्यों के लिए लंबी अवधि में एक बड़ा कॉर्पस आसानी से बन सकता है।

जोखिम (Risks):

1. आय में नियमित वृद्धि जरूरी:

अगर आपकी इनकम स्थिर है या उसमें वृद्धि नहीं हो रही, तो हर साल SIP बढ़ाना मुश्किल हो सकता है। इससे वित्तीय दबाव आ सकता है।


2. डिसिप्लिन की ज़रूरत:

टॉप-अप SIP तभी सफल है जब आप हर साल समय पर बढ़ी हुई रकम निवेश करते रहें। किसी साल स्किप करने पर फंड का अनुमानित आकार कम हो सकता है।


3. बाजार जोखिम हमेशा रहेगा:

SIP म्यूचुअल फंड से जुड़ी होती है, जो बाजार से प्रभावित होती है। भले ही आप टॉप-अप कर रहे हों, पर बाजार गिरावट की स्थिति में रिटर्न घट सकते हैं।


4. लंबी अवधि में प्लानिंग बदल सकती है: रिटायरमेंट, नौकरी में बदलाव, मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थितियों में SIP टॉप-अप को जारी रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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