कैंब्रिज में पढ़ाई के दौरान एक रेस्टोरेंट में राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और सोनिया (Sonia Gandhi)की मुलाकात हुई थी। इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) उस समय सूचना-प्रसारण मंत्री थीं। एक बार किसी काम के सिलसिले में इंग्लैंड गयी तो राजीव ने पहली बार सोनिया से मिलाया। जब वे अंग्रेजी में बातचीत नहीं कर सकीं तो इंदिरा गांधी ने फ्रेंच बोलना शुरू कर दिया। सोनिया को फ्रेंच अच्छी आती थी। अगले साल संजय गांधी भी रॉल्स-रॉय्स कंपनी में प्रशिक्षण के लिये चले गए, तो वह भी सोनिया से मिले। परिवार बनने लगा था।
पिता को आपत्ति
शादी पर सोनिया के पिता ने आपत्ति जताई। राजीव ने इटली जाकर उन्हें मनाने की कोशिश की। उन्होंने राजीव से कहा कि “तुम्हारी मां राजनेता है। ठीक है। लेकिन, तुम क्या करते हो ?” “ राजीव ने कहा-अभी मैं पायलट प्रशिक्षण ले रहा हूं। भारत जाकर लाइसेंस ले लूंगा।” इसपर सोनिया के पिता ने कह कि “देखो, मेरी बेटी अभी नाबालिग है। साल भर बाद बालिग होगी। तुम दोनों साल भर अलग रहो। उसके बाद भी अगर प्रेम रहा तो यह भारत जा सकती है।
ठीक एक साल बाद, जनवरी 1968 में सोनिया दिल्ली हवाई अड्डे पहुंची, जहां राजीव, संजय और उनके एक अजनबी दोस्त रिसीव करने आए थे।