दिल्ली में शादी-ब्याह के अवसर पर सुहाग-घोड़ी गाने का रिवाज बहुत पुराना है। इन गीतों को शादियाने भी कहा जाता है। निम्न कुछ सुहाग, घोड़ियाँ शादी-ब्याह के अवसर पर जरूर गाई जाती थीं-

1–खाना न जाने पींडियां लाडो मेरी

बांधे न जाने बनरी मेरी बंद

सयानी होने दो

2–नाजो री घूंघट के पट खोल

घूंघट में तेरे चंदा बसत हैं

चुनरी तेरी रंग रंगीली

गोटा-किनारी और लाल लगे अनमोल

नाजो री घूंघट के पट खोल

3–हमारे बन्ने को मत देखो लग जाएगी नजर

बन्ना पहने जोड़ा, जोड़े पे जामा सोहे

टपके यह नजरिया लग जाएगी नज़र लग जाएगी

नाजुक है नादान विरे बाजूबंध ढीले तेरी

माथे तेरे टीका सोहे लड़ियां हैं अनमोल तेरी

नाजुक है नादान नजर लग जाएगी।

4—-मेरा छनक मनक बनड़ा आया री

बड़ी दूरों से बनड़ा आया री

बनड़े के निसार गई मैं

हरियाले बन्ने की उमर बढ़े

फूलन जाए यह बेल तेरी

यह लाल तेरा परवान चढ़े

इस चंद्र की जोत उत्तर दक्खिन

संसार में राज रचे इसका

डंका चहुंदेस बजे इसका

महका रहे बाग़ इन फूलों का

मेरा छनक मनक बनड़ा आया री

बड़ी दूरों से बनड़ा आया री।

सेहरे के गीत भी गाए जाते थे। जहां नाच-रंग होता था वहां वेश्या भी पहले सेहरा गाती थीं। घरों में यह सेहरा भी गाया जाता था-

हमारे हरियाले बन्ने के लिए गूंथ ला सेहरा मालनियां

बेले चमेली की कलियों का सेहरा गूंथ ला सेहरा मालनियां

आओ मेरी मालन बैठो मेरे आंगन कहो सेहरे का मोल

सात लाख सेहरे का मोल बीबी इतर में बसी कलियां

हमारे हरियाले बन्ने के लिए गूंथ ला सेहरा मालनियां

मुसलमानों में दूल्हे से लड़की के घर पर सात सलाम कहलाए जाते थे और बिना डली के साथ गिलोरियां कटवाई जाती थीं। यह गीत अक्सर गाए जाते थे-

टोना मेरा जगन सलोना…

ढाई पूनी कच्चा सूत में बांधू सात का पूत

बांध बूंध कर किया गुलाम देहली बैठा करे सलाम

टोना मेरा जगत सलोना

विदाई के गीतों में मां-बाप से छूटने का दुःख, सास-ननद से निबाह की बातें, दान-दहेज में कमी रह जाना और व्याह से पहले की ज़िन्दगी की यादों का जिक्र

भी होता है-

मैया के रोए मोरा सब दिल रोए

तू बबूवा ने मारी डिडकार रे

नाहीं मोंरे बाबा इन धन थोरो

नाही बापू दहेज थोरो

नामवर बाबा सुन्दर बरना है

सुन परत मारोनी सास रे

इस गीत में एक अनोखी दशा का चित्रण है-

आडू जामन धुले धरे

मैं नहीं खाती मेरी मां

लत्ता पानी भरा धरा

मैं नहीं नहाती मेरी मां

धानी जोड़ा सिला धरा

मैं नहीं पहनती मेरी मां

भाई भावज मिलन खड़े

मैं नहीं मिलती मेरी मां

साजन डोला लिए खड़े

मैं नहीं जाती मेरी मां…

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