1 फरवरी को मोदी सरकार पेश करेगी बजट
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Union Budget 2025: रियल एस्टेट सेक्टर में इन दिनों प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, जिससे अफोर्डेबल हाउसिंग की तलाश में जुटे लोग महंगे घरों के बीच अपनी उम्मीदें खोते जा रहे हैं। महंगे घर, महंगे होमलोन और उस पर टैक्स की मार, ऐसे में घर का सपना देख रहे लोगों की उम्मीदें वित्त मंत्री के आगामी बजट से बहुत बढ़ गई हैं। खासकर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दूसरे बजट में इस क्षेत्र से जुड़े दिग्गजों ने अपनी मांगें उठाई हैं।
अफोर्डेबल हाउसिंग को मिले नया बढ़ावा
रियल एस्टेट के विशेषज्ञ शिशिर बैजल का मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत 25 लाख रुपये तक के लोन पर 4% ब्याज छूट मिलती है, लेकिन मेट्रो शहरों में यह सीमा अपर्याप्त साबित हो रही है। बैजल का सुझाव है कि मेट्रो शहरों के लिए घर की कीमत की सीमा बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जानी चाहिए।
होम लोन ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा डबल करने की मांग
शिशिर बैजल ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि होम लोन के ब्याज पर दी जाने वाली टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना किया जाए, ताकि अफोर्डेबल हाउसिंग को और बढ़ावा मिल सके।
80C में होम लोन पर अतिरिक्त टैक्स छूट का प्रस्ताव
बैजल ने इस बजट में एक और अहम सुझाव दिया है। उनका कहना है कि 80C के तहत होम लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट पर सालाना 1.50 लाख रुपये तक अलग से टैक्स छूट दी जानी चाहिए। वर्तमान में इस छूट में इंश्योरेंस, बच्चों की फीस और अन्य टैक्स बचत स्कीम्स भी शामिल हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स राहत के नियम हों सरल
शिशिर बैजल ने टैक्स बेनेफिट्स को और सरल बनाने की भी मांग की है। वर्तमान नियमों के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस का लाभ पाने के लिए पुरानी संपत्ति बेचने के तीन साल के भीतर नई प्रॉपर्टी का निर्माण होना जरूरी है। बैजल का सुझाव है कि इस समयसीमा को बढ़ाकर पांच साल किया जाए और नई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए एक साल की बजाय दो साल की समयसीमा रखी जाए।
घर का सपना पूरा करने के लिए जरूरी कदम
इन सभी सुझावों का मकसद अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना और आम लोगों के लिए घर खरीदने के रास्ते को और आसान बनाना है। अगर सरकार इन मांगों पर ध्यान देती है, तो घर का सपना देखने वाले लोगों को काफी राहत मिल सकती है।