सुरेश कुमार: IIT मद्रास से प्रिंसटन तक का सफर, अमेज़न और गूगल जैसे दिग्गजों में निभाई अहम भूमिका
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
walmart Suresh Kumar: अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने हाल ही में अपनी तकनीकी टीम से 1,500 कर्मचारियों की छंटनी की है। इस फैसले के बाद कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) सुरेश कुमार को लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चा हो रही है।
भारतीय मूल के सुरेश कुमार को तकनीकी जगत का माहिर माना जाता है, जिनका अनुभव अमेज़न, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गज ब्रांडों में रहा है। वॉलमार्ट की नई रणनीति, जिसमें भारत में तकनीकी विस्तार और अमेरिका में छंटनी शामिल है, ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
वॉलमार्ट की छंटनी और तकनीकी बदलाव
वॉलमार्ट की ओर से जारी एक आंतरिक मेमो के अनुसार, कंपनी अपने वैश्विक टेक्नोलॉजी और वॉलमार्ट कनेक्ट (विज्ञापन विभाग) में पुनर्गठन कर रही है। इस निर्णय के तहत अमेरिका में लगभग 1,500 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। वॉलमार्ट यूएस के सीईओ जॉन फर्नर और सीटीओ सुरेश कुमार ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य निर्णय लेने की प्रक्रिया को सरल बनाना और टीमों के बीच जटिलता को कम करना है।
छंटनी की खबर के बाद अमेरिका के तकनीकी कर्मचारियों ने इस पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाया कि छंटनी का उद्देश्य भारतीय वीजा धारकों के लिए स्थान बनाना है।
कौन हैं सुरेश कुमार? Who is Suresh Kumar
बेंगलुरु में जन्मे सुरेश कुमार की शुरुआती पढ़ाई भारत में हुई। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद उन्होंने अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की।
पेशेवर अनुभव
- माइक्रोसॉफ्ट: टेक्निकल लीडरशिप रोल
- अमेज़न: 15 वर्षों तक टेक्नोलॉजी और रिटेल सिस्टम्स को लीड किया
- गूगल: विज्ञापन और पेमेंट सिस्टम्स में सीनियर भूमिका
- वॉलमार्ट (2019 से): ग्लोबल टेक्नोलॉजी की रणनीति का नेतृत्व कर रहे हैं
वॉलमार्ट में सीटीओ की भूमिका में सुरेश कुमार का कार्य मुख्य रूप से कंपनी को तकनीकी रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना है।
उन्होंने कंपनी के क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-कॉमर्स सिस्टम और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का काम किया है।
भारत को बताया टेक्नोलॉजी का केंद्र
वॉलमार्ट ग्लोबल टेक्नोलॉजी (WGT) के भारत स्थित केंद्र – बेंगलुरु, चेन्नई और गुरुग्राम – कंपनी की टेक्नोलॉजी रणनीति का अहम हिस्सा हैं।
सुरेश कुमार ने इन केंद्रों को वॉलमार्ट की ‘टेक्नोलॉजिकल रीढ़’ बताया है। इन हब्स में लगभग 11,500 पेशेवर कार्यरत हैं, जो मशीन लर्निंग, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी, आपूर्ति श्रृंखला और ग्राहक अनुभव जैसे क्षेत्रों में नवाचार कर रहे हैं।
विवाद और भविष्य की रणनीति
छंटनी के फैसले से जहां एक ओर वॉलमार्ट संचालन को सरल बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कंपनी पर ‘आउटसोर्सिंग’ और ‘वेतन बचत’ के लिए अमेरिकी कर्मचारियों की अनदेखी करने का आरोप भी लग रहा है। टेक्नोलॉजी के जानकार मानते हैं कि सुरेश कुमार जैसे अनुभवी व्यक्ति के नेतृत्व में कंपनी भविष्य की डिजिटल चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रही है।
- Post Office RD: ₹500, ₹1000, ₹2000 या ₹5000 की मासिक बचत से कैसे बनें लखपति?
- 2025 Range Rover Sport review: V 8 रोड का बादशाह, शाही लुक और EV पावर
- Norton Superbike इंडिया के रास्ते पर! पीएम मोदी और UK PM Starmer की तस्वीर से मिले संकेत
- Apple iPhone Fold: डिजाइन, कीमत और लांच से जुड़ी जानकारियां हुई लीक!
- Renault Triber Facelift: आपकी फैमिली की पसंदीदा 7-सीटर MPV अब और भी स्मार्ट और सुरक्षित, ADAS और 6 एयरबैग्स के साथ!