नरेला विधानसभा चुनाव 2013, नरेला विधानसभा चुनाव 2015, नरेला विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों का विश्लेषण

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

दिल्ली की नरेला विधानसभा सीट पर 2013, 2015 और 2020 के चुनावी आंकड़े राजनीति में बदलते रुझानों की कहानी कहते हैं। 2013 में भाजपा ने जीत का परचम लहराया, लेकिन 2015 और 2020 में नरेला विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत बनाई। वोट शेयर और जीत के अंतर में दिलचस्प बदलाव देखने को मिले।

नरेला विधानसभा चुनाव 2013 रिजल्ट

बहुकोणीय मुकाबले में भाजपा की जीत

2013 के चुनाव में नरेला सीट पर भाजपा के नील दमन खत्री ने 38.2% वोट पाकर जीत दर्ज की। हालांकि, यह जीत बेहद प्रतिस्पर्धात्मक थी। बसपा के वीरेंदर ने 21.7% वोट पाकर दूसरे स्थान पर कब्जा किया। कांग्रेस के जसवंत सिंह और ‘आप’ के बलजीत सिंह क्रमशः 18.4% और 16.8% वोट के साथ तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।
यह परिणाम दर्शाता है कि उस समय नरेला में विपक्षी वोट विभाजित हो गए थे, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिला।

नरेला विधानसभा चुनाव 2015 रिजल्ट

आम आदमी पार्टी का ऐतिहासिक प्रदर्शन

2015 में आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर भाजपा को पीछे छोड़ते हुए भारी बहुमत से जीत दर्ज की। आप के शरद कुमार ने 96,143 वोट (60%) हासिल किए, जो कि 2013 के ‘आप’ उम्मीदवार बलजीत सिंह के प्रदर्शन से करीब चार गुना अधिक था।
भाजपा के नील दमन खत्री को 34.8% वोट मिले, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 18.4% (2013) से गिरकर मात्र 2.9% रह गया।
यह चुनाव आम आदमी पार्टी की नीतियों और क्षेत्रीय मुद्दों पर उनकी पकड़ को दर्शाता है।

नरेला विधानसभा चुनाव 2020 रिजल्ट

आप‘ ने विफल की भाजपा की कोशिश

2020 के चुनाव में भाजपा ने अपना वोट शेयर 34.8% से बढ़ाकर 41.7% कर लिया। हालांकि, यह ‘आप’ के शरद कुमार को हराने के लिए पर्याप्त नहीं था, जिन्होंने 52.3% वोट के साथ लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने 3.8% वोट पाकर थोड़ा सुधार दिखाया, लेकिन यह अब भी हाशिए पर बनी रही।

आंकड़ों का विश्लेषण:
  1. वोट शेयर में भाजपा का लगातार प्रदर्शन:
    भाजपा ने तीनों चुनावों में अपना वोट आधार मजबूत बनाए रखा। 2013 में 38.2%, 2015 में 34.8% और 2020 में 41.7% वोट हासिल किए। यह दर्शाता है कि भाजपा के पास नरेला में स्थिर समर्थन है।
  2. आपका उभरता और स्थिर ग्राफ:
    आम आदमी पार्टी ने 2013 में 16.8% वोट शेयर से शुरुआत की और 2015 में इसे 60% तक पहुंचा दिया। 2020 में यह थोड़ा घटकर 52.3% रह गया, लेकिन जीत का सिलसिला जारी रहा।
  3. कांग्रेस का गिरता ग्राफ:
    कांग्रेस ने 2013 में 18.4% वोट हासिल किए, लेकिन 2015 और 2020 में इसका वोट शेयर क्रमशः 2.9% और 3.8% रह गया। यह साफ दर्शाता है कि नरेला में कांग्रेस की पकड़ खत्म हो चुकी है।
  4. बसपा का पतन:
    2013 में बसपा ने 21.7% वोट पाकर बड़ा प्रभाव छोड़ा था। लेकिन 2015 और 2020 में उसका कोई उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं दिखा।


नरेला सीट पर आम आदमी पार्टी ने 2015 के बाद से लगातार अपना दबदबा बनाए रखा है। हालांकि, भाजपा ने 2020 में अपना प्रदर्शन सुधारकर आपको चुनौती दी, लेकिन यह काफी नहीं था।

इंफोग्राफिक

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 के नतीजे   

  1. विधानसभा- नरेला

जीत- बीजेपी  

पार्टी व प्रत्याशी-                 वोट मिले-          प्रतिशत

नील दमन खत्री(भाजपा)           54,622           38.2

जसवंत सिंह(कांग्रेस)              26,311           18.4

बलजीत सिंह (आप)              24,031            16.8

वीरेंदर (बीएसपी)                 31,077            21.7               


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे

  1. नरेला विधानसभा

जीत-आम आदमी पार्टी

प्रत्याशी व पार्टी-             वोट मिले—            प्रतिशत

शरद कुमार (आप)            96,143               60

नील दमन खत्री (बीजेपी)       55,851               34.8

प्रवीण कुमार (कांग्रेस)         4,643                2.9


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे

विधानसभा- नरेला

जीत- आम आदमी पार्टी 

पार्टी व प्रत्याशी-           वोट मिले-          प्रतिशत

शरद कुमार (आप)         86,262            52.3

नील दमन खत्री(भाजपा)     68,833           41.7

सिद्धार्थ कुंडू(कांग्रेस)       6,270             3.8

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