टारनेडो ने दिल्ली में मचाई थी जमकर तबाही, बड़ी संख्या में प्रभावित हुए थे दिल्लीवाले

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।  

cyclone dana: इस समय देश में ‘दाना तुफान’ के बारे में जमकर चर्चा हो रही है। राजधानी दिल्ली के लगभग हर चौक-चौराहे पर इसे लेकर बहस हो रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक बार दिल्ली में भी जबरदस्त तुफान आया था। यह तुफान एकदम शाम के समय अचानक आया था। इसे लेकर कोई पूर्व भविष्यवाणी भी नहीं की गई थी। तुफान ने दिल्ली में जमकर तबाही मचाई। बड़ी संख्या में मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

17 मार्च, 1978 को दिल्ली में भयंकर तूफान आया। अचानक शाम के समय आसमान में एक बगूला-सा उठा, बवंडर में बदला और बड़ी तेज़ रफ़्तार से एक दिशा से दूसरी दिशा में, रास्ते में पड़नेवाली हर चीज को तबाह करता हुआ गुज़र गया।

यह ‘टोरनेडो’ दिल्लीवासियों के लिए तब तक का पहला और अब तक का अन्तिम भयावह अनुभव था। पूरा किंग्सवे कैम्प उसकी चपेट में आ गया। रेडियो कॉलोनी में खड़े दीर्घाकार ट्रांसमीटर, इस्पात की गुलझट में बदलकर धराशायी हो गए।

dana toofan

झुग्गी-झोंपड़ियों का अता-पता नहीं रहा। कच्चे-पक्के मकानों की टीन की छतों ने उड़कर जिस-तिस को निशाना बनाया। अगले दिन के अखबारों में एक मारुति गाड़ी की तस्वीर छपी, जो सड़क से उड़कर एक मकान की छत पर विराज रही थी। किसी को ठीक से समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या था।

इस दुर्घटना में 30 लोगों की मृत्यु हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। तभी चारों तरफ़ शोर उठा कि कैम्प पर तूफ़ान पीड़ितों की सहायता और खोज खबर लेने के लिए वहां इन्दिरा गांधी पहुंच गई हैं। सरकारी तन्त्र सक्रिय हो गया।

उसी वर्ष दिल्ली में यमुना ने अपनी हदें तोड़ीं। पानी 207 मीटर से भी ऊपर तक चढ़ गया। बाढ़ ने निकटवर्ती इलाक़ों को देखते-देखते लील लिया। जो रात को पलंग पर सोए, सुबह होने पर उनके पैरों के नीचे ज़मीन नहीं, नदी थी।

पूरे मॉडल टाउन और किंग्सवे कैम्प के आसपास के इलाक़ों में पहले रिक्शे और फिर नौकाएँ चलने लगीं। घरों के तलघर तो तालाब बन ही गए थे, नीचे की मंज़िलें भी डूब गईं। कवि अजित कुमार उस समय मॉडल टाउन में पहली मंज़िल पर रहते थे। मित्रों को उनकी कुशलता की और खाने-पीने की चिन्ता सताई तो जैसे-तैसे नाव का सहारा लेकर थैलों में खाने-पीने का सामान भरकर उनके घर पहुँचे। नीचे से गुहार लगाई। अजित जी ने झाँककर सूचना दी कि हमसे पहले कुछ और हितैषी इस कर्तव्य को अंजाम दे चुके हैं। बहरहाल, उन्हें सपरिवार सकुशल पाकर राहत मिली।

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