दिल्ली के दिल में बच्चोंं के लिए समर्पित एक पुस्तकालय है। जिसका नाम है ‘डॉ. बीसी रॉय मेमोरियल चिल्ड्रेंस लाइब्रेरी’ (dr. b.c. roy memorial children’s reading room and library)। पुस्तकाल में बड़ी संख्या में मौजूद पुस्तकें ही नहीं, दीवारों पर टंगी नन्हें हाथों की कलाकारी और एक्वेरियम में तैरती छोटी-छोटी मछलियां भी बाल पाठकों के लिए एक खुशनुमा माहौल तैयार करती है।

पांच दशक पहले हुई थी स्थापना

पुस्तकालय की स्थापना 12 नवंबर 1967 को राजनीतिक कार्टूनिस्ट के. शंकर पिल्लई ने की थी। दिल्ली में प्रथम अंतरराष्ट्रीय बाल पुस्तक मेला का आयोजन करवाने वाले चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट के संस्थापक शंकर पिल्लई ने बच्चों के लिए पुस्तकालय की जरूरत को देखते हुए इसकी स्थापना की थी। भारत की आजादी के बाद अपना पूरा जीवन चिकित्सा सेवा को समर्पित करने वाले पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री डॉ॰ बिधान चंद्र रॉय की स्मृति और सम्मान में स्थापित ‘डॉ. बीसी रॉय स्मारक पुस्तकालय’ का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने किया था।


बच्चों को नहीं हो कठिनाई

संचालक बताते हैं कि लाइब्रेरी में 40,000 से ज्यादा किताबें मौजूद हैं। पुस्तकालय में 5 वर्ष से 16 आयु वर्ष के किशोर के लिए उपयोगी किताबें हैं। बच्चों को पसंदीदा किताबों तक पहुंचने में कठिनाई न हो इसलिए पुस्तकालय में किताबों का व्यवस्थापन 5 से 8 वर्ष, 9 से 12 वर्ष व 12 से 16 वर्ष के तीन आयु श्रेणियों मे किया गया है। पुस्तकालय में बालोपयोगी किताबों के साथ-साथ चंपक, नंदन, बालहंस, किड्स, साइंस रिपोर्टर, चिल्ड्रेन वर्ल्ड, मैजिक पॉट, टिंकल और रॉबिन एज समेत दर्जनों बाल पत्रिकाएं भी मंगवाई जाती है, ताकि बाल मन का ज्ञान अर्जन के साथ-साथ स्वस्थ मनोरंजन भी हो। बच्चों के साथ अाने वाले अभिभावकों के लिए अलग अध्यन कक्ष बनाया गया है, जहां हिंदी-अंग्रेजी भाषा की दर्जनों समाचारपत्र व पत्रिकाओं के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में उपन्यास और कहानी संग्रह रखा गया है।

विभिन्न भाषाओं में किताबें

लाइब्रेरी में अंग्रेजी, हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं की तकरीबन 40,000 किताबें मौजूद हैं। पुस्तकालय के बीचों बीच बने अध्ययन परिसर में करीब सौ बच्चे एक साथ बैठकर शांति और सुकून से पढ़ाई कर सकते हैं। यही कारण है कि एक साथ बाल पाठक जहां जेनरल नॉलेज, पिक्चर बुक, इंग्लिश ग्रामर, फेयरी टेल, एटलस, कॉमिक्स, बिगनर्स मैथ, अकबर-बिरबल के किस्से और कविता-कहानी पढ़ते नजर आते हैं वहीं, किशोर पाठक प्रेमचंद, रबींद्रनाथ टैगोर, सुमित्रानंदन पंत, जयशंकर प्रसाद, आचार्य चतुरसेन, राहुल सांकृत्यायन सरीखे हिंदी के सशक्त हस्ताक्षरों की कृतियां से रूबरू होते दिख जाते हैं। पुस्तकालय में हिंदी-अंग्रेजी साहित्य का भी विशाल संकलन है। इसमें भारत के महान शासक शिवाजी, अशोक, माहाराण प्रताप से लेकर स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस सरीखे वीरों की दास्तां भी सरल भाषा में उपलब्ध है। इसके अलावा समय-समय पर बच्चों के लिए विभिन्न कार्यशालाओं का भी आयोजन होता है।

सदस्यता लेनी पड़ेगी
तीन श्रेणियों में सदस्यता लेकर बच्चे पुस्तकालय में ज्ञान अर्जन कर सकते हैं।

खुलने का समय

सप्ताह के सभी दिन सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक यहां जाया जा सकता है। पुस्तकालय में सिर्फ सरकारी छुट्टियों के अवकाश रहता है।

ऐसे पहुंचे

बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित इस पुस्तकालय तक आइटीओ मेट्रो (गेट नंबर 4) या बस स्टैंड से पैदल पहुंचा जा सकता है।

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