डीटीए ने यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय से अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति शुरू करने की गुजारिश की

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi university) के सहायक कुलसचिव ( कॉलेजिज ) ने 1 सितम्बर 2022 को विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्यों , संस्थानों के निदेशकों को सर्कुलर जारी करते हुए कहा था कि कुलपति (du vc), दक्षिणी परिसर के निदेशक तथा कुलसचिव के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि आने वाले शैक्षिक सत्र –2022–23 के अनुसार छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए शैक्षिक तथा गैर -शैक्षिक स्तर पर अतिरिक्त कार्यभार के कारण 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (Delhi university EWS seat) आरक्षण को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों व कर्मचारियों के पदों के बारे में उसकी आवश्यकता के विषय में जानकारी मांगी गई थीं । विश्वविद्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में यह भी जानकारी मांगी थीं कि 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण से कितने शिक्षक व कर्मचारी अतिरिक्त बढ़ेंगे उनके आंकड़े दे ।

कॉलेजों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को सर्कुलर के अनुसार अतिरिक्त सीटों का ब्यौरा फॉर्मेट के अनुसार भेज दिया लेकिन कॉलेजों को टीचिंग पदों की 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस सीटें आज तक नहीं मिली जिसकी वजह से कॉलेजों के लायजन ऑफिसर रोस्टर बनाते समय सामान्य वर्गों की 10 फीसदी सीटें काटकर रोस्टर बना रहे है और ईडब्ल्यूएस को दे रहे है व विश्वविद्यालय प्रशासन से रोस्टर पास कराकर स्थायी नियुक्तियों के पदों के विज्ञापन निकाल रहे है , कुछ कॉलेजों ने 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटें न मिलने के कारण स्थायी नियुक्तियों का विज्ञापन नहीं निकाल रहे है क्योंकि उन सीटों पर एडहॉक टीचर्स सामान्य वर्गों के लगे हुए है रोस्टर के अनुसार उनकी सीट समाप्त हो गई है । यदि 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस सीटें नहीं मिली तो वे सिस्टम से बाहर हो जायेंगे । दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में ऐसे एडहॉक टीचर्स की संख्या लगभग 500 है ।

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party )से संबद्ध शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) ने यूजीसी चेयरमैन (UGC) , केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Education ministry) व कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह (DU VC Yogesh Kumar Singh) से सभी कॉलेजों / विभागों / संस्थानों को टीचिंग पदों की 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें देने की मांग की है ताकि लंबे समय से पढ़ा रहे एडहॉक टीचर्स को बचाया जा सकें । क्योंकि दिल्ली विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस (EWS ) सीटों पर 10 फीसदी आरक्षण लागू हो जाने के कारण छात्रों , शिक्षकों और कर्मचारियों की अतिरिक्त भर्ती की आवश्यकता है ।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले तीन साल से ईडब्ल्यूएस 10 फीसदी आरक्षण बढ़ने से छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है । वर्ष –2019 से कॉलेजों व विभागों में छात्रों के एडमिशन में ईडब्ल्यूएस कोटे की सीटें बढ़ी है जिससे शिक्षक — छात्र अनुपात प्रभावित हुआ है । उनका कहना है कि यूजीसी , शिक्षा मंत्रालय ने 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण तो दे दिया लेकिन 10 फीसदी अतिरिक्त टीचिंग सीटें नहीं दी । हाल ही में जब रोस्टर में बदलाव होने लगा तो तभी विश्वविद्यालय प्रशासन ने 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें देने के लिए कॉलेजों से जानकारी मांगी गई जिसे कॉलेजों ने अतिरिक्त सीटों का ब्यौरा दो दे दिया लेकिन उन्हें टीचिंग सीटें आज तक नहीं मिली जिसके कारण सामान्य वर्गों के एडहॉक टीचर्स स्थायी नियुक्तियों के समय बाहर हो जायेंगे , ये एडहॉक टीचर्स पांच , सात व दस साल से एडहॉक टीचर्स के रूप में पढ़ा रहे हैं।उनका कहना है कि शैक्षिक व गैर- शैक्षिक पदों पर ईडब्ल्यूएस (EWS ) अभ्यर्थियों को 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें देने संबंधी सर्कुलर तो जारी कर दिया गया लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) व शिक्षा मंत्रालय द्वारा उन्हें ईडब्ल्यूएस कोटे की 10 फीसदी सीटें आज तक नहीं मिली है ।

डॉ.सुमन के अनुसार डीयू से संबद्ध कॉलेजों में 5000 से अधिक एडहॉक टीचर्स पिछले एक दशक से पढ़ा रहे हैं , इसी तरह विभागों में 600 पदों पर स्थायी नियुक्ति की जानी है । कॉलेजों द्वारा इन पदों पर स्थायी नियुक्ति करने संबंधी रोस्टर बनाया जा रहा है । रोस्टर बनाते समय ईडब्ल्यूएस कोटे की सीटें भी दी जा रही है और ये सीटें उन सामान्य वर्गों के एडहॉक टीचर्स से काटकर दी जा रही है जिसके कारण स्थायी पदों के विज्ञापनों में उनकी सीटें ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को चली जाएंगी । उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इससे पहले भी ईडब्ल्यूएस के कारण बढ़ी शिक्षकों व कर्मचारियों की 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों का ब्यौरा मांगा गया था । हालांकि दिशा निर्देश जारी किए जाने के बाद भी इस संबंध में अभी तक कोई आंकड़ा प्रस्तुत नहीं किया गया है कि 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें दी जा रही है किसी एडहॉक टीचर्स को बाहर न निकाला जाए ।

यूजीसी / विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द दे 10 फीसदी अतिरिक्त टीचिंग सीटें

डॉ. सुमन का कहना है कि यदि यूजीसी व विश्वविद्यालय प्रशासन 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें ईडब्ल्यूएस कोटे को मिल जाती है तो सामान्य वर्गों के एडहॉक टीचर्स को राहत मिल सकती है वरना जिस तरह से कॉलेजों के रोस्टर बन रहे है उनका स्थायी नियुक्ति के समय बाहर होना तय है । उन्होंने कुलपति से पुनः मांग की है कि सामान्य वर्गों के 10 फीसदी एडहॉक टीचर्स को बचाने के लिए जल्द से जल्द अतिरिक्त सीटों का प्रावधान यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय से कराएं ताकि लंबे समय से पढ़ा रहे अपने एडहॉक टीचर्स को बचा सकें ।

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