एसओएल की परीक्षा आखिरी समय पर की गई रद

छात्र संगठनों ने डीयू प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली

आकांक्षा परिवार के साथ रोहिणी रहतीं हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) से बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। शनिवार से परीक्षाएं प्रारंभ हुई। पिता के साथ दो घंटे से अधिक समय तक ट्रेवल कर राजगुरु कालेज स्थित परीक्षा केंद्र पहुंची आकांक्षा उस समय हतप्रभ रह गई जब पता चला कि परीक्षा रद हो चुकी है। आकांक्षा पूरे दिन परीक्षा को लेकर तनाव के दौर से गुजरी। ऐसा सिर्फ आकांक्षा के साथ नहीं हुआ। एसओएल के हजारों छात्रों की परीक्षाएं रद हुई। कई छात्रों का तो यहां तक कहना था कि वो परीक्षा हॉल में पेपर लिख रहे थे। जब अचानक उनसे कॉपी छीन ली गई और परीक्षा रद होने की बात कही गई। छात्र दिल्ली-एनसीआर समेत देश के विभिन्न शहरों से परीक्षा देने आए थे। बिना बताए परीक्षा रद होने से छात्रों में आक्रोश था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) समेत अन्य छात्र संगठनोंं ने डीयू प्रशासन को कटघरेे में खड़ा किया।

इस वजह से रद करनी पड़ी परीक्षा

शनिवार से परीक्षाएं आरंभ हुई थी। दो शिफ्ट सुबह और शाम में परीक्षाएं होनी थी। छात्र और शिक्षक भी समय से परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गए थे। फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि ऐन वक्त पर परीक्षा रद करनी पड़ी। डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षा दो शिफ्ट में होनी थी लेकिन गलती से सभी छात्रों को सुबह के शिफ्ट की तारीख बता दी गई थी। इस कारण कालेजों के बाहर बड़ी संख्या में छात्र पहुंच गए। हैरानी इस बात की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की इस गलती पर किसी का ध्यान समय रहते नहीं गया।

रविवार की भी परीक्षा रद

डीयू के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार को भी होने वाली परीक्षा रद कर दी गई है। सोमवार से परीक्षा अपने नियत समय एवं शेड्यूल के अनुसार ही होगी। छात्रा अंकिता ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। क्या सिर्फ कॉलेज के मेन गेट पर परीक्षा रद होने का नोटिस लगा देना ही ड्यूटी है? अभी तक जांच के लिए कोई कमेटी क्यों नहीं गठित की गई? यह तो पता चलना ही चाहिए कि गलती किससे और क्यों हुई?

छात्र संगठनों ने जताई नाराजगी

एबीवीपी, क्रांतिकारी युवा संगठन समेत अन्य छात्र संगठनों ने परीक्षा रद होने के लिए डीयू प्रशासन की जमकर खिंचाई की। संगठनों ने कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे छात्रों को इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। छात्र संगठनों ने कहा कि एसओएल बार-बार छात्रों के भविष्य को संकट में डालता है। सबसे पहले, छात्रों को सेमेस्टर-अंत और इंटरनल असेसमेंट परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्टडी मटेरियल नहीं दिया गया, और उनके लिए आयोजित साप्ताहिक कक्षाओं को डेढ़ महीने के भीतर खत्म कर दिया गया। इसके बाद, उन्हें स्टडी मटेरियल के बिना अपनी इंटरनल असेसमेंट परीक्षा देनी पड़ी। यही नहीं, इंटरनल असेसमेंट के लिए अधिसूचना भी अंतिम क्षण में एक दिन पहले ही जारी की गई थी। नतीजतन, हजारों छात्र एसओएल की ओर से कुप्रबंधन और वेबसाइट के क्रैश होने और सर्वर डाउन होने जैसे मुद्दों के कारण इंटरनल असेसमेंट परीक्षा नहीं दे पाए। बाद में, इंटरनल असेसमेंट से संबंधित शिकायतों को प्राप्त करने के लिए एक ऐसे ईमेल को जारी किया गया जो था ही नहीं! और अब, अंतिम समय में उनकी सेमेस्टर-अंत परीक्षा भी रद्द कर दी गई।

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