81.35 करोड़ लोगों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करवाना सराहनीय कदम: प्रो. योगेश सिंह

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देश के 81.35 करोड़ लाभार्थियों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का फैसला बहुत ही सराहनीय कदम है। कुलपति 74वें गणतंत्रता दिवस के अवसर विश्वविद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ फहराने के उपरांत सभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होने देश के लिए जान न्योछावर करने वाले सभी राष्ट्र नायकों को नमन भी किया। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान की धारा 47 में प्रावधान है कि सरकार लोगों का जीवन-स्तर उठाने, आहारों की पौष्टिकता में वृद्धि करने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य में सुधार लाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता दे। भारत सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए निशुल्क अन्न की व्यवस्था का मूल यही है कि देश में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।

प्रो. योगेश सिंह ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस दिशा में शिक्षा जगत को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होने कहा कि अगले 25 वर्षों में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 10% का ग्रोथ रेट चाहिए। इसके लिए कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र को समूहिक रूप से काम करने की जरूरत है। कुलपति ने कहा कि आज का दौर परंपरागत कृषि का नहीं रहा। अब कृषि को बदलती तकनीक के साथ बदलने की जरूरत है। इसमें आयातित तकनीक की अपेक्षा भारत आधारित तकनीक का समावेश होना चाहिये। इन प्रयासों में राजनैतिक रूप से तो सरकारें काम कर रही हैं, लेकिन शिक्षा जगत को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में ऐसे कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होने कहा कि राष्ट्र के समुचित विकास के लिए हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालना होगा।

कुलपति ने भारतीय संविधान पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत फेडरेशन ऑफ स्टेट्स नहीं बल्कि यूनियन ऑफ स्टेट्स है। भारतीय संविधान की यही खासियत है कि इसने 74 वर्षों में देश की एकता और अखंडता की रक्षा की है और उसे मजबूत किया है। जब-जब भी देश पर संकट आया है, तब-तब देश एकजुट होकर खड़ा हुआ है। यही हमारे संविधान की मजबूती और सफलता है। उन्होने कहा कि भारतीय संविधान की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इसमें कोई भी पद किसी व्यक्ति विशेष के लिए आरक्षित नहीं है। कोई भी भारतीय व्यक्ति देश के किसी भी पद पर पहुँच सकता है। प्रो. योगेश सिंह ने सभी भारतियों को 74वें गणतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ऐसी मजबूत व्यवस्था देने के लिए भारतीय संविधान और इस संविधान को बनाने वाले सभी महानुभव बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में एनसीसी के विद्यार्थियों द्वारा परेड का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजज प्रो. बलराम पाणी, प्रोक्टर प्रो. रजनी अब्बी और रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता सहित अनेकों अधिकारी, शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी उपस्थित रहे।  

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