मेडिकल क्षेत्र की स्याह दुनिया का सच उजागर करेगी फिल्म

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

The Signature: अनुपम खेर, महिमा चौधरी और रणवीर शौरी जैसे सितारों से सजी फिल्म ‘द सिग्नेचर’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इसमें भारतीय समाज के उस कमजोरी को दिखाने का प्रयास किया गया है जिसे बुढ़ापे में ज्यादातर लोगों के झेलना होता है।भारतीय समाज में आम इंसान जिंदगी भर अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए बुढ़ापे में आराम करने की योजना बनाता है। लेकिन आगे क्या होगा ये उन्हें पता ही नहीं होता।

35 साल काम के बाद जब आराम की बारी आई तब…

फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि अनुपम खेर से उनकी पत्नी मधु (नीना कुलकर्णी) कहती हैं, ‘जिंदगीभर जिम्मेदारियां निभाईं, अब लाइफ को थोड़ा एंजॉय करेंगे। 35 साल हो गए हमारी शादी को, एनिवर्सरी है, नजर न लगे’। जवाब में अनुपम खेर कहते हैं, ’35 साल में नजर नहीं लगी तो अब क्या लगेगी’। लेकिन, अगला ही सीन बेहद डरावना होने वाला होता है। मधु की तबियत खराब हो जाती है और उसे अस्पताल के बिस्तर में पहुंच जाती हैं।

इलाज का बेहिसाब खर्चा और उस पर भी डॉक्टरों की तरफ से जिंदगी की गारंटी नहीं…। बुजुर्गावस्था में संतान का रवैया किस तरह बदल सकता है, यह फिल्म में दिखाया है। मधु के इलाज में खर्च हो रहे बेहिसाब पैसे को उनका बेटा गिनवाता है और डॉक्टरों से आर्टिफिशियल उपचार बंद करने की भी कहता है। हकीकत अनुपम खेर के सामने आती है।

रूला देगा फिल्म का ट्रेलर

बेटों के पास से खाली हाथ लौटने के बाद एक मजबूर पिता बेटी के पास भी जाता है। महंगा इलाज नहीं करा पाने पर डॉक्टर किसी सस्ते अस्पताल में ले जाने की सलाह देते हैं। फिल्म की पंचिंग लाइन, ‘बहुत दर्दनाक होता है किसी को खो देना, लेकिन उससे भी खौफनाक होता है किसी को खो देने का डर’ आपको इमोशनल कर देगा। फिल्म मेडिकल क्षेत्र के काले सच को भी सामने लाएगी।

कब और कहां आएगी फिल्म द सिग्नेचर

यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज होगी। फिल्म का प्रीमियर 4 अक्तूबर से होगा। फिल्म का निर्देशन गजेंद्र अहीरे ने किया है। अनुपम खेर ने भी फिल्म का ट्रेलर इंस्टाग्राम पर साझा किया है और कैप्शन लिखा है, ‘मेरे करियर में कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिन्होंने मुझे मेरे अंदर के एक्टर को चैलेंज करके अपना सब कुछ देने का अवसर भी दिया और साथ में जीवन के कुछ पहलुओं का एहसास भी कराया। #TheSignature की कहानी कुछ ऐसे ही है। आपके जीवन में कभी भी अगर कोई हॉस्पिटल में जीवन से जूझ रहा हो और आप असहाय हो तो इस फिल्म की कहानी आपको जकझोर सकती है’।

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