हुमायूं के मकबरे की पूर्वी दीवार के बाहर एक टूटा-फूटा नीला गुंबद खड़ा है, जिसे हज्जाम का गुंबद भी कहते हैं। संभवतः यह खानखाना के साथी अब्दुल रहीम का है और शायद खानखाना ने इसे 1624 ई. में तामीर करवाया था।
महावत खां ने खानखाना को कैद करने से पूर्व फाहिम को कुछ दे-दिलाकर अपनी तरफ करने का प्रयत्न किया था, लेकिन फाहिम एक वफादार साथी था। उसने अपने मालिक के साथ नमकहरामी करने से इंकार कर दिया और महावत खां से लड़ता हुआ मारा गया। अपने वफादार साथी की यादगार कायम रखने के लिए खानखाना ने उसकी कब्र पर मकबरा बनवा दिया, जो खास तौर से सुंदर रहा होगा। इस पर नीले रंग की चीनी का काम किया हुआ है।
मकबरा एक चबूतरे पर बना हुआ है, जो 108 फुट मुरब्या है और पांच फुट ऊंचा है। गुंबद अठपहलू है, जिसके चार जिले लंबे और चार छोटे और व्यास 62 फुट है। चबूतरे के ऊपर से गुंबद की ऊंचाई 70 फुट है, जिस पर लाल पत्थर का छह फुट ऊंचा कलश है। मकबरे की हालत आजकल काफी खराब है।