चांदनी चौक में लगा फौव्वारा, दिल्ली डिस्ट्रिक्ट बोर्ड और डरफिन अस्पताल का इतिहास
कोतवाली के सामने का फव्वारा (1872-74 ई.) :
चांदनी चौक के कोतवाली के तिराहे पर जो फव्वारा लगा है, यह लार्ड नार्थब्रुक की दिल्ली में आमद की यादगार में सन् 1872-74 में बनाया गया था। इस पर दस हजार रुपये खर्च हुए थे। फव्वारा भूरे पत्थर का बना हुआ है। दिल्ली टेलीफोन: दिल्ली में टेलीफोन सन् 1880 में आया।
दिल्ली डिस्ट्रिक्ट बोर्ड :
दिल्ली में सन् 1883 में डिस्ट्रिक्ट बोर्ड कायम हुआ। इसके 21 सदस्य थे। डिप्टी कमिश्नर इसका सदर हुआ करता था। जब दिल्ली नगर पालिका बनी तो डिस्ट्रिक्ट बोर्ड हटा दिया गया।
डफरिन अस्पताल (1892-93 ई.) :
जामा मस्जिद के पास जो डफरिन अस्पताल था, 1885-89 में लार्ड डफरिन ने उसका शिलान्यास किया था। यह 1892-93 में बनकर तैयार हुआ। दिल्ली में यह पहला अंग्रेजी अस्पताल था। इसकी एक मंजिल जमींदोज थी, एक ऊपर। जब इर्विन अस्पताल बना तो यह अस्पताल वहां चला गया और यहां डिस्पेंसरी रह गई।
गदर से पहले लाल किले के पास लाल डिग्गी में, मौजूदा हैपी स्कूल के पास आठ बिस्तरों का एक छोटा-सा अस्पताल हुआ करता था, मगर गदर में वह खत्म हो गया था।