यूं तो उत्तर प्रदेश की सड़कों पर रोडवेज की बसों का दिखना कोई आश्चर्य की बात नहीं। लेकिन हालही में सवारियों से भरी रोडवेज की जिस बस ने मेरठ से कौशांबी तक का सफर तय किया, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। ऐसा नहीं था कि यह बस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस थी या बहुत महंगी थी। यह बस इसलिए भी इतिहास में याद रखी जाएगी क्योंकि इसकी चालक महिला थी। पहली बार किसी महिला ने यूपी रोडवेज के बस की स्टेयरिंग संभाली। सवारियां भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थी कि वो यूपी की बदली फिजा का गवाह बन रही है। प्रियंका शर्मा ने सकुशल यात्रियों को गाजियाबाद पहुंचाया तो ना केवल कौशांबी डिपो के अधिकारी बल्कि यात्रियों ने ताली बजाकर उनका हौसला अफजाई किया। दिल्ली में ट्रक चलाने से लेकर रोडवेज बस चलाने का सफर तय करने वाली प्रियंका ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय योगी आदित्यनाथ सरकार को दिया।
प्रियंका शर्मा की यूपी रोडवेज में नियुक्ति योगी सरकार की उस महात्वाकांक्षी पिंक बस सर्विस योजना का अहम पडाव है, जिसके तहत राज्य की पिंक बसों में महिला चालकों की नियुक्ति होनी है। 26 चालकों के पहले बैच के प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू भी हो चुका है। इससे महिला सशक्तिकरण की बुनियाद और मजबूत होगी। सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर योगी सरकार महिलाओं को सशक्त कर रही है। खुद योगी आदित्यनाथ के शब्दों में कहे तो महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिलाएं सुरक्षित, सम्मानित और आत्मनिर्भर महसूस करेंगी। इसी को आधार बनाकर यूपी सरकार योजनाएं लागू कर रही है। यही वजह है कि योगी सरकार महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए जितनी कोशिश कर रही है उतनी ही बच्चियों की पढाई के प्रति भी फिक्रमंद है। स्कूलों में बच्चियों की संख्या बढे इसके लिए प्रोजेक्ट कायाकल्प चलाकर लगभग 93 हजार स्कूलों की दशा सुधारी गई। अभिभावकों को बेटियों को पढाने के लिए प्रेरित करने के लिए भी अभियान चलाया गया।
योगी सरकार शहरी एवं ग्रामीण अंचल में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए भी कई योजनाएं चला रही है। यहां विकास उत्सव योजना का जिक्र करना आवश्यक हो जाता है। जिसके तहत 75 जिलों में 75 हजार महिलाओं को उद्यमिता का प्रशिक्षण देने की तैयारी है। केंद्र की मोदी सरकार की उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर शौचालय बनाने की योजना को यूपी ने जमीन पर उतारा। इन योजनाओं ने महिला सशक्तिकरण में महती भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। कन्या भ्रूण हत्या की समस्या के निदान के लिए मुखबिर योजना चलाई गई। जिसके सकारात्मक परिणाम दिखने शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना भी ऐसी ही योजना है, जिसने बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया। लगभग 13.67 लाख बेटियों को इस योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है।
महिलाओं के सशक्तिकरण की कोई भी योजना तब तक अधूरी है जबतक कि कानून व्यवस्था की प्रक्रिया में उनका दखल ना हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अपने संबोधन में इसका जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था कि देश में सबसे बड़ा सिविल पुलिस बल उत्तर प्रदेश का है, लेकिन आजादी के बाद से 2017 तक 70 वर्षों में यहां मात्र 10 हजार महिला अधिकारी, कार्मिक थीं। वर्तमान सरकार ने बीते साढ़े पांच साल में इसे चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर 35 हजार से अधिक किया है। इतना ही नहीं एक अभिनव पहल करते हुए 10,417 नई महिला पुलिस बीट बनाई है, जहां महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। प्रदेश के सभी 1584 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाये गए हैं। एंटी रोमिया स्क्वाड की चर्चा प्रासंगिक हैं। 3195 एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित की गई। इस स्क्वाड ने 6,75,143 स्थानों पर 28,33,893 संदिग्ध लोगों की चेकिंग की। महिलाओं से जुडे आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए 218 कोर्ट गठित की गई।
योगी के सुशासन की बुनियाद में महिलाओं की सुरक्षा है। योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही इस दिशा में ठोस प्रयास शुरू कर दिए थे। जिसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। महिला एवं बाल अपराध के मामलों में प्रभावी अभियोजन के माध्यम से 32 मामलों में अपराधियों को मौत की सजा दिलाई गई। इनमें 10 वर्ष से अधिक सजा पाने वाले 1191 हैं, जबकि 1431 को अर्थदंड देना पड़ा और 1323 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा हुई। एनसीआरबी के आंकडे योगी राज में सख्त कानून व्यवस्था के सकारात्मक परिणामों से रूबरू कराते हैं। एनसीआरबी की मानें तो बीते 5 साल में दुष्कर्म के मामलों में 32 प्रतिशत, अपहरण में 29 प्रतिशत, शीलभंग में 25 प्रतिशत और दहेज हत्या के मामलों में 12 प्रतिशत की कमी आयी है। ये आंकडे यह बताते हैं कि यूपी में अब बदलाव की बयार बह रही है।
महिलाएं घर की दहलीज को लांघकर विकास की नई कहानी लिखने को तत्पर है। कानून व्यवस्था के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार अब निवेश का माकूल माहौल बनाने में जुटी है। महिलाओं को उद्योग संबंधी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह अध्यक्ष मेलिंडा गेट्स ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन्होंने योगी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। हालांकि, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।