शहरों के कायाकल्प के साथ नागरिकों में दायित्वों का बोध जगाना भी जरूरी

लेखक-संजीव कुमार मिश्र

1983 में गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन के नई दिल्ली में आयोजन के ठीक चार दशक बाद भारत बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। इसी साल सितंबर महीने की 9-10 तारीख को जी-20 शिखर सम्मेलन होना है। हालांकि, शिखर सम्मेलन की शेरपा और फाइनेंस ट्रैक की बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। यूपी के चार बड़े शहरों लखनऊ, वाराणसी, आगरा और ग्रेटर नोएडा में जी-20 की करीब 11 महत्वपूर्ण बैठकें होनी हैं। यह बैठकें यूपी के लिए काफी मायने रखती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं कहा है कि यह आयोजन ब्रांड यूपी से दुनिया को परिचित कराने का मंच बनेगा। यूपी के लिए अपार संभावनाएं वाला है।

जी-20 के बहाने यूपी के इन चार बड़े शहरों के कायाकल्प की कवायद भी शुरू हो चुकी है। उम्मीद बंधी है कि प्रदूषण, यातायात जाम, स्वच्छता समेत कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे इन शहरों की तकदीर बदलेगी। लखनऊ में स्वच्छता की समस्या किसी से छिपी नहीं हैं। स्वच्छ भारत रैंकिग से इसकी पुष्टि होती है। 2021 में लखनऊ की स्वच्छ भारत रैंकिंग 12 थी जो 2022 में गिरकर 17 पहुंच गई। शिवरी प्लांट में कूड़े का पहाड़, जगह जगह खुले में बने डंपिग यार्ड को इसका जिम्मेदार माना गया। लखनऊ में जी-20 बैठक से पूर्व स्वच्छता पर खास ध्यान देने की जरूरत है। अभियान चलाकर जनभागीदारी सुनिश्चित करने की भी जरूरत है। शहर तभी स्वच्छता के पैमाने पर खरा उतरेगा जब नगरवासी सफाई के प्रति सचते होंगे। आगरा में जी 20 की तीन बैठकें होनी हैं। यह शहर जाम, प्रदूषण से लेकर स्वच्छता संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है। 2020 में शहर की स्वच्छता रैंकिंग 16 थी जो 2022 में लुढ़ककर 23 पहुंच गई। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आगरा किला, ताजमहल, सिकंदरा सरीखे स्मारकों के पास भी कचरे के ढ़ेर दिखते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जी 20 की आधा दर्जन बैठकें होनी हैं। पूर्व के मुकाबले शहर में सफाई व्यवस्था सुधरी है। इसका असर स्वच्छता रैंकिंग पर भी दिखा। वाराणसी की स्वच्छता रैंकिंग में उछाल दिखा। 2021 में 30 के मुकाबले 2022 में शहर की रैंकिंग 21 रही। हालांकि अभी भी ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस प्रयासों की दरकार है। ग्रेटर नोएडा की बात करें तो यह शहर प्रदूषण के साथ जाम से भी कराहता है। यहां के निवासी बड़ी हसरतों से यूपी के मुखिया की तरफ देख रहे हैं।

भारत को जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मिलना प्रत्येक देशवासी के लिए गौरव की बात है। जरूरत है कि जिन भी शहरों में बैठकें होंगी, वहां नागरिकों में सामाजिक दायित्व का भाव जगाया जाए। उन्हें सफाई के प्रति जागरूक बनाया जाए। नागरिकों के अंदर यह भान होना चाहिए कि शहर उनका है। शहर में यहां वहां कूड़ा ना फेंके। वाहन चलाते समय लेन का ध्यान रखे। गलत दिशा में वाहन ना चलाएं। यूपी सरकार ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। नगर निगम पदाधिकारियों संग बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि जी 20 आयोजनों से अधिकाधिक युवाओं को जोड़ा जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों में परिचर्चा का आयोजन करना चाहिए। व्यापक जनसहभागिता से ही यह सम्मेलन अपने उद्देश्यों में सफल होगा।

जी 20 के दौरान स्थानीय संस्कृति को थीमरूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करना तय हुआ है। यह एक सराहनीय कदम है। इसकी तारीफ करनी चाहिए। 30 नवंबर 2023 तक देशभर के 55 शहरों में 215 से अधिक बैठकें व अन्य गतिविधियां चलेंगी। सांस्कृतिक रूप से यूपी की समृद्धता पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। अयोध्या, बनारस, मथुरा, प्रयागराज, बिंध्याचल, कुशीनगर में पूरे साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है। आगरा, झांसी, जौनपुर, सीतापुर, सोनभद्र की खूबसूरती का दीदार भला पर्यटक क्योंकर नहीं करेंगे। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पर्यटक केवल जी 20 से संबंधित बैठक वाले यूपी के चार शहर ही नहीं अपितु बाकि शहरों की तरफ भी रुख करेंगे।

इसी के अनुरूप तैयारियों को अंतिम रुप दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भी सभी चार शहरों में होने वाले आयोजन में स्थानीय संस्कृति को थीम बनाने की बात कही है। राजधानी लखनऊ में अवध संस्कृति, आगरा में ब्रज संस्कृति, रंगोत्सव, वाराणसी में गंगा संस्कृति को थीम बनाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें स्थानीय सांस्कृतिक समूहों, स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। बाकि राज्यों को भी इस तरह की पहल करनी चाहिए। जी-20 के सदस्य देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 85 प्रतिशत के करीब योगदान है जबकि वैश्विक कारोबार में इनका हिस्सा 75 प्रतिशत से भी अधिक है। यूपी सरकार जब राज्य की अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन करने का लक्ष्य साधने की कोशिश कर रही है तब यह जरूरी हो जाता है कि बैठकों के बहाने दुनिया ब्रांड यूपी से परिचित हो। सरकार को राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने का एक भी मौका छोडना नहीं चाहिए।

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